Top 10 places to visit in Ayodhya Dham (Ram Nagri):– आज हम बात करने वाले है आधुनिक अयोध्या के बारे में। राम मंदिर से 7 किलोमीटर की दूरी पर 14 बीघा जमीन पर 219 करोड़ की लागत से लखनऊ हाईवे पर नया बसअड्डा बनकर तैयार है।
मंदिर से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर रेल्वे स्टेशन है जो 240 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ है, जहा पर भविष्य में दिल्ली , मुंबई , चेन्नई, बंगलोरे, पुणे, कोलकत्ता, नागपुर, जम्मू, लखनऊ से एक विशेष रेलगाड़िया अयोध्या आएगी। 1450 करोड़ रुपए में लगभग 1300 बीघे में फैला हुआ प्रयागराज हाईवे पर बनाया गया है नया एयरपोर्ट, ( जिसका नाम है महर्षि बाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट, Maharshi Balmiki Airport of Ayodhya ) यहाँ से राम मंदिर लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तोह आइये हम आपको अयोध्या में कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताते है जहाँ आप यदि अयोध्या जाते है तो जरूर जाइये-
Top 10 places to visit in Ayodhya Dham (Ram Nagri) अयोध्या में घूमने की नयी जगह
इस ब्लॉग में हम Ayodhya Dham Me 10 Nayi Jagah Ke bare me batayege, की आप कौन कौन सी जगह देख सकते है वहा जाकर, राम मंदिर के बाद आप वहा और कौन कौन सी जगह जा सकते है ।
1. घाघरा नदी (Ghaghra River)
सरयू नदी से सैर करते हुए आप घाघरा नदी पहुंच सकते है। जिसकी दूरी 350 किलोमीटर है। जिसका मतलब ये है की आपको जल में 350 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी घाघरा नदी में पहुंचने के लिए । भविष्य में इस रुट के लिए भी मोटर बोट चलने का प्रस्ताव सरकार को रखा गया है। अभी हाल में इस पर ऐसे कोई सुविधा आपको यहाँ देखने को नहीं मिलेगी। इसी नदी के कारण गन्ने की खेती यहाँ भरी मात्रा में की जाती है।
2. राम मंदिर (Ram Mandir), Must Place to visit in Ayodhya Dham
अयोध्या के राम मंदिर की कूल लागत है 1800 करोड़। इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के लखराने के पतथरों से किया गया है, जिसके कारण मंदिर की अनुमानित उम्र 1000 साल बताई जा रही है। इस मंदिर का उद्धघाटन 22 जनवरी 2024 में किया गया। जिसमे राम जी की बाल्यावस्था की मूर्ति लगायी गयी थी। बाकी के 2 मंजिलो का काम अभी भी चल रहा है। खजराहो की मंदिरो के नागरशैली के आधार पर इस मंदिर की नक्काशी की गयी है। मंदिर का कुल छेत्रफल 251 बीघा है।
3. हनुमानगढ़ी (Hanuman Gari)
राम मंदिर से लगभग 800 मीटर की दूरी पर ये मंदिर इस्थापित है । यह मंदिर 52 बीघा में फैला हुआ है। मंदिर 76 सिडिया चढ़कर ही हनुमान जी के दर्शन करने के बाद ही राम मंदिर में जाने का विधान है। यह मंदिर अयोध्या नगर के बिलकुल बीच में एक ऊंचे टीले पर बना हुआ है। शहर की तरफ आने पर आक्रमणकारियों की सुचना यही से प्राप्त करके अयोध्या के राजा को दी जाती थी। यही इतिहासकारो की माने तो जितनी बार अयोध्या पर आक्रमण किया गया उतनी बार इसी मंदिर को हमले की मार सहनी पड़ी। हालाँकि फिर से सन्यासियों ने इस मंदिर को फिर से खड़ा कर दिया। आज यह मंदिर रामानंद सम्पदाये के अधीन है।
4. राम की पीड़ी (Ram ki Pidi)
अयोध्या को सरयू नदी की भयंकर बाढ़ से बचने के लिए इस बांध का निर्माण किया गया था । जिस पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कई घाट बना दिए गए थे। इतिहासकारो के अनुसार जितनी बार ये बांध खुलता था सरयू का पानी अयोध्या की गलियों में घुस जाया करता था। इसी बाढ़ से बचने के लिए अयोध्या में जगह जगह पर टीले बनाये गए थे, जिसे राम टीला, हनुमान टीला, लक्मण टीला कहा जाता है । आज ये बांध अयोध्या का मुख्य पर्यटन स्थल बन चूका है। हर दीपाली पर यह लाखों दिए जलाकर रामायण की उस घटना को उत्सव के रूप में मनाया जाता है जब राम वनवास से अयोध्या लौटे थे।
5. लता मंगेशकर चौराहा (Lata Mangeshkar Chauraha)
पहले इस चौराहे का नाम नया चौराहा था बाढ़ में इसका नाम लता मंगेशकर जी को समर्पित करने के पश्चात लता मंगेशकर चौराहा कर दिया गया। नया घाट और बस स्टैंड के पास ही यह चौराहा 6.7 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ है। पदम् श्री से सम्म्ननित राम सुथार जी ने 2 बार के कठिन परिश्रम के बाढ़ इस 40 फ़ीट लम्बी वीणा को आकर दिया । 14 तन की इस वीणा को लता जी के स्मृति चिह्न के रूप में लगाया गया है।
6. धर्म पथ (Dharm Path)
नया घाट से कुछ पहले सड़क के दोनों तरफ 20 फ़ीट ऊंचे 40 सूर्य स्तम्भ लगाए गए है, जिसे धर्म पथ का नाम दिया गया है, जो की श्री राम के राजकुल सूर्यवंश का प्रतिक है।
7. दशरथ समाधी स्थल (Dashrath Samadhi Isthal)
नए बस अड्डे के बगल की एक पतली रोड 12 किलोमीटर दूर ले जाती है जो दशरथ समाधी तक पहुँचती है। इसके बारे में कहा जाता है की यहाँ पर राजा दशरत का दाह संस्कार हुआ था। राम मंदिर के साथ साथ इसको भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की योजना बनायीं जा रही है।
8. भरत कुंड (Bharat Kund)
अयोध्या से 15 किलोमीटर दूर है नंदी ग्राम, यहाँ पर मौजूदा तालाब को कहा जाता है भरत कुंड। मान्यता है की यही से भरत ने पुरे अयोध्या का राज कार्य संचालित किया था। पर्यटकों के लिए इस जगह को भी विकसित किया जा रहा है।
9. गुप्तार घाट (Guptar Ghaat)
राम की पेड़ी से सरयू नदी के किनारे चलते 10 किलोमीटर दूर स्थित है, गुप्तार घाट। इस जगह को श्री राम के जल समधी के रूप में महत्त्व दिया जाता है। इसके आलावा अयोध्या नगर में बहुत से विशेष मंदिर है जिसकी अलग मान्यता है और अलग महत्व है। नयी अयोध्या को पूरी तरह से जानने के लिए यह पर 3 दिन रुकने की आवश्यकता है।
10. कनक भवन (Kanak Bhawan)
यह मंदिर अयोध्या में घूमने का प्रमुख स्थान है। इसके बारे में कहा जाता है की इस मंदिर को भगवन राम की माँ केकई ने विवाह के बाद सीता माता को दिया था। बाद में राजा विक्रमादित्य ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था। कनक भवन अयोध्या के सबसे आकर्षित स्थलों में से एक है। इस भवन की वास्तु कला सभी को आकर्षित करती है।
आज की अयोध्या उसे अखंड भरत का प्रतिक है , अपनी सम्पनता के कारण इसने समय समय पर बाहरी आक्रमण का भी सामना किया। अयोध्या की इसी सम्पन्नता ने मुगलो को भी आकर्षित किया। सूर्यवंश के पतन के साथ ही अयोध्या का भी पतन होने लगा। अयोध्या को फिर से खोजकर इस्थापित करने में बार बार राजा विक्रमादित्य का नाम आता है। लेकिन विक्रमादित्य एक उपाधि है जिसे कई राजाओ को दिया गया, परन्तु ये कहना बहुत मुश्किल है की किस काल खंड के किस राजा ने यह काम किया।
ऐसे ही और धार्मिक स्थलों के घूमने की जगहों के बारे में यदि आप जानना चाहते है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये।
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FAQ’s-
Q.1- अयोध्या राम जन्म भूमि में दिवाली कब मनाई जाएगी?
उत्तर- अयोध्या में दिवाली 1 नवम्बर 2024 को मनाई जाएगी इसकी सुचना स्वयं राम मंदिर के पंडित जी द्वारा दी गयी है।
Q.2- अयोध्या में घूमने की कौन कोनसी जगह है?
उत्तर- अयोध्या में घूमने के लिए राम भूमि, राम मंदिर, घाघरा नदी, कनक भवन, गुप्तार घाट, भारत कुंड, धर्म पथ, दशरथ समाधी स्थल, राम की पीढ़ी आदि जगह घूमी जा सकती है।
Q.3- अयोध्या में गोवेर्धन और अन्नकूट कब मनाया जायेगा?
उत्तर- अयोध्या में गोवेर्धन और अन्नकूट 2 नवम्बर को मनाया जायेगा।