Suger Alternatives in Hindi, Chini Ki Jagah Kya Use Kare :- यह तो सभी जानते है की चीनी हमारे सेहत के लिए बिलकुल भी सही नहीं होती क्युकी चीनी में सिर्फ कैलोरीज होती है, कोई भी नुट्रिएंट नहीं होता, यहाँ तक की इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी 65 होता है जो की काफी ज्यादा है।
इसलिए चीनी मोटापे और शुगर जैसे बिमारियों का कारन होती है। ज्यादा चीनी खाने से स्किन में झुर्रिया आ जाती है और यह दांतो के लिए भी सही नहीं होती, हार्ट से जुडी बीमारियां हो जाती है, लिवर में फैट इकट्ठा हो जाता है, अल्ज़ाइमर की समस्या हो जाती है, इन्ही कारणों से आज कल लोग चीनी से बचने की कोशिश करते है और चीनी का सेवन ना की मात्रा में करते है।
उस स्थिति में हम चीनी की जगह क्या इस्तेमाल कर सकते है इस चीज़ की तलाश करते है, तोह चाहिए हम हमारे ब्लॉग के माध्यम से बताते है की चीनी की जगह हम क्या खाने में इस्तेमाल कर सकते है।
चीनी की जगह खायी जाने वाली चीज़े जो करेगी चीनी की आपूर्ति [Suger Alternatives]
1.गुड़ या देसी खाण्ड
चीनी को कहते है रिफाइंड शुगर और गुड़ को कहते है अनरीफाइंड शुगर। देसी खाण्ड या गुड़ बनाने का तरीका बहुत आसान है इसे बनाए के लिए गन्ने के ज्यूस को गर्म किया जाता है और उसे सूखा लिया जाता है फिर पीस लिया जाता है, यह बिलकुल प्राकर्तिक तरीके से किया जाता है।
इसके अंदर कैल्सियम, मैग्नेशियम, सोडियम, जिंक, पोटैशियम, आयरन जैसे मिनरल्स होते है। इसमें पाचन एंजाइम भी होते है जो कब्ज को ख़तम करते है और पाचन शक्ति को बढ़ाते है। देसी खाण्ड और चीनी में बराबर कैलोरीज होती है पर यह उन लोगो के लिए सही है जो चीनी को छोड़ना चाहते है। कैलोरीज तो उतनी ही रहेगी और इसके कुछ लाभ प्राप्त हो जायेंगे।
चीनी | देसी खाण्ड |
16 कैलोरीज | 16 कैलोरीज |
किन लोगो को खाण्ड का सेवन नहीं करना चाहिए?
जो लोग वजन घटना चाहते है, जिन्हे शुगर है उनके लिए खाण्ड भी चीनी की तरह ही नुकसानदायक है। खाण्ड का भी ग्लायसेमिक इंडेक्स भी चीनी की तरह ही ज्यादा होता है। ऐसे लोगो को देसी खाण्ड इस्तेमाल करने का फायदा नहीं होगा।
2. धागे वाली मिश्री
चीनी बनाने के मेथड में चीनी का जो घोल होता है उसे रिफाइंड करने से पहले उसमे केमिकल्स डालने से पहले ही उस घोल को सघन कर दिया दिया या जमा दिया जाए धागे के साथ तोह वो धागे वाली मिश्री बन जाती जाती है। इसमें भी उतनी ही कैलोरीज है जितनी चीनी में है पर इसमें केमिकल्स नहीं होते, चीनी से ज्यादा साफ़ होती है इसलिए धागे वाली मिश्री को हवन और पूजा में काम में लिया जाता है।
धागे वाली चीनी आम चीनी से ज्यादा कठोर होती है, इसलिए इसमें मिठास चीनी से काफी ज्यादा होती है। इसलिए जो लोग ज्यादा मेहनत का काम करते है इस चीनी को खाकर उन्हें तुरंत एनर्जी देती है। इस चीनी का उपयोग तब भी किया जाता है जब गले में छाले हो जाते है, तो यह गले में नमी प्रदान करती है।
पर फिर भी इसमें चीनी ज्यादा होती है इसलिए शुगर पेशेंट, हार्ट पेशेंट, पी सी ओ डी पेशेंट, और मोटापे की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
3. शहद
शहद में राइबोफ्लाविन, नियासिन, फोलेट, विटामिन बी -6, मैग्नीशियम, जिंक ऐसे बहुत से मिनरल्स होते है। इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी 58 है जो की चीनी से थोड़ा काम है। चीनी की जगह हम हनी का इस्तेमाल कर सकते है पर इसका मतलब यह नहीं की इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है, बिलकुल नहीं। शहद में काफी ज्यादा मात्रा फ्रक्टोज़ और गुलुकोस होता है इसलिए ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और शुगर हो सकती है।
आपने यह तोह जरूर सुना होता सुबह गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर खाने से वजन कम होता है। ऐसा देखा गया है की जो लोग सुबह उठकर इस ड्रिंक को लेते है वो पूरा दिन हायड्रेटेड रहते है, उनकी भूख कण्ट्रोल हो जाती है।
कुछ तथ्य ये भी बताते है की यह ड्रिंक पाचन तंत्र को मजबूत करती है, सुबह उठकर चाय काफी की जगह ये ड्रिंक ले सकते जो बाकी चीज़ो से अच्छा ऑप्शन है।
इन सभी के आलावा शहद कोलेस्ट्रॉल घटाने में, खासी से बचने के लिए, वजन घटाने के लिए भी हनी का इस्तेमाल किया जाता है।
शहद का इस्तेमाल करने से पहले हमें कोनसी बातो का ध्यान रखना चाहिए?
1.हनी को कभी भी गरम पानी में नहीं डालना चाहिए है, हमेशा गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करे।
2.शहद खरीदने से पहले उसमे इस्तेमाल हुए इंग्रेडिएंट्स पढ़ ले क्युकी कई बार शहद में चीनी भी मिली हुई होती है।
3.शहद को हमेशा अलग अलग तरीके से इस्तेमाल करे इसका ज्यादा इस्तेमाल ना करे।
4. मीठे ड्राइड फ्रूट्स ( खजूर, अंजीर, किशमिश )
कई लोग चीनी की जगह इनका इस्तेमाल करते है। ड्राइड फ्रूट्स का ग्लायसेमिक इंडेक्स 55 होता है। इसके आलावा इनमे फाइबर ज्यादा होता है, जिसके कारण इनमे मौजूद प्राकर्तिक चीनी धीरे धीरे शरीर में घुलती है और बॉडी के शुगर लेवल को तेजी से नहीं बढाती। फाइबर से भूख कम लगती है तो ज्यादा खाना खाया भी नहीं जाता। ड्राइड फ्रूट्स में पोटाशियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे नुट्रिएंट्स होते है जो हमारी पाचन शक्ति को तंदुरुस्त करते है और हमारी पूरी सेहत को सही रखते है।
किन चीज़ो में हम इनका इस्तेमाल कर सकते है?
खीर और फिरनी जैसे चीज़े बनाते वक्त हम अंजीर के छोटे छोटे टुकड़े ऐड कर सकते है, जिससे प्राकर्तिक मिठास से अलग स्वाद आएगा। कोल्ड कॉफ़ी, स्मूथी, मिल्क शेक बनाते वक्त आप चीनी की जगह खजूर का इस्तेमाल कर सकते है। ऐसे ही आप और चीज़ो का स्तेमाल कर सकते है।
यह भी पढ़े :- जानिए डेटॉक्स वाटर कितने तरीके से बनाया जा सकता है
5. कोकोनट शुगर या पाम शुगर
इसे बनाने के लिए पहले इनके पेड़ पर चढ़कर इनके फूलो से एक तरल इकठ्ठा करते है। फिर इस तारक पदार्थ को गरम करके एक गदा घोल बनाते है, जब इसे ठंडा किया जाता है तो इसके क्रिस्टल बन जाते है और अंत में इन क्रिस्टल को पाउडर में तब्दील कर दिया जाता है। जिससे कोकोनट शुगर या पाम शुगर बनती है।
इसमें बहुत सरे नुट्रिएंट्स होते है, चीनी से ज्यादा। इसका बटरस्कॉच जैसा स्वाद होता है। इसमें भी चीनी की तरह बहुत ज्यादा कैलोरीज होती है, ज्यादा इनका सेवन करने से शुगर और वजन बढ़ने का खतरा उतना ही है जितना की चीनी से, इसलिए इनका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।
6. फ्रूट्स
कुछ लोगो को बचपन से मीठा खाना पसंद होता है। जब कभी हमें मीठा खाने का मन करे तोह हमें एक फ्रूट ले लेना चाहिए, यहाँ तक की यदि हम सुबह ही एक कटोरी फ्रूट खा ले तो पूरा दिन मीठा खाने का मन नहीं करता। इन फलो में कोलेस्ट्रॉल भी नहीं होता यह महारी पाचन शक्ति भी बढ़ाते है। इसलिए फ्रेश फ्रूट्स का सेवन चीनी की बानी मीठी चीज़ो की जगह किया जा सकता है।
7. स्टेविआ
इसमें 0 कैलोरीज होती है, यह एक प्राकर्तिक भारतीय जड़ी बूटी है। यह चीनी से 20 से 30 प्रतिशत ज्यादा मीठा होता है। इसका ग्लाय्केमिक इंडेक्स 0 है। एक रीसेंट स्टडी में पाया गया की अगर हम लगातार स्टेविआ का सेवन करते है तो इससे कोई बुरा असर पेट पर नहीं पड़ता। यह बाजार में पावडर, टेबलेट, लिक्विड और पत्तियों के रूप में उपलब्ध है। इन्हे हम अपनी चाय, कॉफ़ी या फिर निम्बू पानी में मिला कर ले सकते है।
इन चीज़ो को चीनी की जगह पर खाया जा सकता है जो की हमारी सेहत के लिए लाभ दायक होता है। कुछ लोगो को मीठा बहुत ही ज्यादा पसंद होता है इतना की वो मीठे के बिना रह ही नहीं सकते, या फिर किसी स्ट्रेस को काम करने के लिए मीठा खाते है, या फिर किसी का शुगर लेवल कम हो तो वो भी मीठा खाते है, ऐसे में शुगर की आदत को छोड़ने का सबसे सही तरीका है की इसे एकदम से छोड़ने की बजाय धीरे धीरे काम किया जाए।
अगर हमारा ब्लॉग आपको इन्फोर्मटिवे लगा हो तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताये और ऐसे ही इंट्रेस्टिंग और इन्फोर्मटिवे ब्लॉग के लिए जुड़े रहिये ” कही अनकही बाते ” के साथ।
यह भी पढ़े :- गर्मियों में प्याज खाने के अनगिनत फायदे (Amazing Health benefits of onion in summers)