एवोकाडो खाने से जुड़े फायदे और नुक्सान :-एवोकाडो दुनिया के सबसे बेहतरीन फलों की श्रेणी में मन जाता है। आज कल यह फल भारत में भी बहुत ज्यादा चर्चित है। इस फल का ज्यादातर उत्पादन अमेरिका और मेक्सिको में किया जाता है। आज कल ये भरे में मध्यप्रदेश में भी उगाया जा रहा है, जिसे वहां एलिगेटर नाशपाती कहा जाता है। यह फल सामान्य तौर पर दूसरे फलों से ज्यादा महंगा होता है।
इसकी बनावट नाशपाती के सामान ही होती है। यह ऊपर से थोड़ा कठोर होता है और अंदर से नरम होता है। तोह आइयें इसके नुक्सान और फायदे के बारे में जानते है।
एवोकाडो खाने के फायदे
- इस फल में ज्यादा मात्रा में विटामिन ऐ पाया जाता है जो की आँखों की रौशनी बढ़ने में मदद करता है।
- विटामिन डी इसमें पाया जाता है जो की शरीर को ज्यादा मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है जिससे शरीर में थकान काम होती है।
- इसम विटामिन ई पाया जाता है जो की एक एंटी ऑक्सीडेंट है जो फ्री रेडिकल होने से कोशिकाओं को बचता है। साथ ही नाखुनो को भी सुरक्षा व मजबूती प्रदान करता है। इसे खाने से नाख़ून जल्दी नहीं टूटते है।
- हमारी हड्डियों को यह मजबूत बनता है और दिल को भी स्वस्थ रखता है क्युकी इसमें थोड़ी मात्रा में ” विटामिन के ” भी पाया जाता है।
- इसे खाने से त्वचा में सुधर होता है, त्वचा चमकदार होती है और झुर्रियां काम होती है क्युकी इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है।
- इसमें कुछ मात्रा में जिंक भी पाया जाता है जो की शरीर से कैल्शियम को सोख लेता है।
- इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, सोडियम, मिनरल्स, पाए जाते है जो की हाजमा को दुरुस्त करता है, डायजेशन में सुधार करता है और दिमाग के विकास में भी मदद करता है।
- इसमें काफी मात्रा में वासा और प्रोटीन होता है जो की वजन बढ़ने में मदद करता है।
- इसे खाने से पूरे दिन मुँह से बदबू नहीं आती यह मुँह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है।

एवोकाडो को खाने से होने वाले नुक्सान
- इसे हाई कैलोरी फ़ूड की श्रेणी में रखा जाता है क्युकी इसमें काफी ज्यादा मात्रा में फैट पाया जाता है, अगर इसका अत्यधिक सेवन किया जाये तोह इससे वजन काफी तेजी से बढ़ जाता है ।
- एक एवोकाडो में लगभग 15 ग्राम के करीब फैट होता है जो की आमतौर पर अन्य फलों से काफी ज्यादा है। इसे खाने से ट्राईगोलोंसाइड हार्मोन का स्राव तेजी से हो जाता है जो शरीर को नुक्सान पहुँचता है।
- अन्य फलों की तुलना में यह फल काफी ज्यादा महंगा होता है। एक एवोकाडो की कीमत भारत में लगभग 200 रूपए है।
- इसका सेवन हार्ट के लिए भी सही नहीं होता क्युकी इसमें काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरीज होती है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है, जो शरीर को नुक्सान पहुँचता है।
- ह्रदय रोगियों को इसका सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
- रोज एवोकाडो नहीं कहाँ चाहिए क्युकी इसमें ” विटामिन के ” पाया जाता है जो की डाइजेसन प्रोसेस को काफी तेज कर देता है और यदि बार बार ऐसा हो तोह यह प्रक्रिया किडनी के लिए सही नहीं रहती।
- डॉक्टर्स की रीसर्च के मुताबिक अगर रोज इसका सेवन किया जाये तो यह शरीर में ग्लूकोस की मात्रा को भी भाड़ा देता है।
- अगर आप ह्यपरपोटाशिया के शिकार है तोह इसका सेवन बिलकुल ना करे सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह से ही इसका सेवन करे।
एवोकाडो को कैसे खाया जाता है?
अगर हम इसके उपयोग की बात करे तो इसका उपयोग अलग अलग तरीके से किया जा सकता है, बहार के देशों में चटनी की तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह एक पल्प फ्रूट है इसका पल्प निकाल लिया जाता जाता है और इसे गुआकमोल की तरह उपयोग किया जाता है, ताकि इसे चिप्स आदि के साथ सर्व किया जा सके। कई लोग इसे सलाद की तरह इस्तेमाल करते है।
भारत में इसका उपयोग सैंडविच बनाकर किया जा रहा है।
एवोकाडो सैंडव्हिच कैसे बनाये?
एवोकाडो सैंडविच बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए एवोकाडो का पल्प निकाल लिया जाता है और उसमे नमक , काली मिर्च, टमाटर, प्याज मिला लिया जाता है। अब इस मिश्रण को ब्रेड पर लगाकर सेक लिया जाता है और एवोकाडो सैंडविच तैयार है यह खाने में बहुत अच्छा लगता है।
आजकल यह फल बहुत चलन में है लोगों का मानना है की यह फल शरीर के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद भी है परन्तु अति हर चीज़ की ख़राब होती है तोह इसका ज्यादा सेवन भी नहीं करना चाहिए।
एक एवोकाडो में यह सब पाया जाता है?
कैलोरीज | 240 ग्राम |
कार्बोहायड्रेट | 13 ग्राम |
फैट | 22 ग्राम ( मोनोसैचुरेटेड -15 ग्राम , पोलीअनसैचुरेटेड- 04 ग्राम , सैचुरेटेड- 03 ग्राम ) |
प्रोटीन | 03 ग्राम |
फाइबर | 10 ग्राम |
सोडियम | 11 मिलीग्राम |
एवोकाडो 2 रंग में पाया जाता है एक तोह हल्का हरे रंग का और काले रंग का अगर एवोकाडो हलके हरे रंग का है इसका मतलब वोह कच्चा है यानी आप इसका तुरंत इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसको 7 से 8 दिन तक रखने के बाद ये पाक जाएगा और आप आसानी से इसे इस्तेमाल कर पाएंगे। अगर ये काले रंग का है तो ये ज्यादा पका हुआ है जो खाने में सही नहीं होता। कई लोग काले रंग का एवोकाडो खाना पसंद करते है।
एवोकाडो के बीच में एक बीज पाया जाता जाता है जिसका तेल बनाया जाता है। इसका तेल या तोह इसके बीज से बनाया जाता है या फिर एवोकाडो को लम्बे समय तक स्टोर किया जाता है और इसके फलेश से भी इसका तेल निकला जाता है। इसका तेल अन्य तेलों से ज्यादा नेचुरल फ्लेवर वाला होता है।
अगर ऐसे ही और हेल्थ से जुडी बाते आप जानना चाहते है तो विजिट करीये हमारी साइट :- कही अनकही बातों को।
ये भी पढ़े: