गोवेर्धन पूजा का महत्त्व और अनकूट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी:– हम सभी ने देखा है की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवेर्धन की पूजा की जाती है जिसे अनकूट भी कहाँ जाता है। ये त्यौहार श्री कृष्णा से सम्बंधित है, ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवन श्री कृष्णा ने इंद्रा देवता ( वर्षा के देवता) का घमंड चूर करके गोवेर्धन पर्वत को अपनी छिटकी उंगली से उठा लिया था और गोकुल वासियों की रक्षा की थी।
इसीलिए बहुत से लोग इसे बड़े अच्छे से मानते है और अनकूट की पूजा की जाती है। कई लोग इस दिन गायों की पूजा की जाती है और कई लोग अलग तरह से इसकी पूजा करते है उससे पहले इसके पीछे की पूरी कहानी जान लेते है।
गोवेर्धन पूजा 2024/ अनकूट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
एक समय की बात है जब श्री कृष्णा सिर्फ 7 साल के थे तो गाय चराने के बाद जैसे ही वो घर पहुंचे तो उन्होंने देखा की नन्द बाबा और यशोदा मैया इंद्रा भगवन की पूजा की तयारी कर रहे थे। तभी श्री कृष्णा ने पूछा की आप क्या कर रहे है? पूछने पर नन्द बाबा ने बताया की इंद्रा भगवन धरती पर वर्षा करते है इसीलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है। इस पर सही कृष्णा ने कहा की ये तो उनका काम है वर्षा करना उनको उनका ही काम करने के लिए क्यों प्रसन्न किया जाए।
हमें तो उनकी पूजा करनी चाहिए जो हमारी निस्वार्थ भाव से पूजा करते है और जिन्हे ये काम सौपा भी नहीं गया। तब नन्द बाबा बोले ऐसा करने से इंद्रा देवता रुष्ट हो जायेंगे हम ऐसा नहीं कर सकते। श्री कृष्ण बोले में सब संभाल लूंगा आप तो गोवर्धन पर्वत की पूजा करने चले। उनकी बात से सहमत होकर यशोदा मैया और नन्द बाबा श्री कृष्णा के साथ गोवेर्धन पर्वत की पूजा करने चले गए।
ये देखकर इंद्रा देवता बहुत ज्यादा क्रोधित हो गए और उन्होंने घनघोर वर्षा का केहर गोकुल पर ढा दिया। तब श्री कृष्ण पुरे गांव को लेकर गोवेर्धन पर्वत के पास ले गए और अपनी चिटकी उंगली से पुरे गोवेर्धन पर्वत को उठा लिया और गोकुलवासियों को शरण दी। लगातार 7 दिनों तक वर्षा करने के बाद इंद्रा देवता का क्रोध शांत हो गया और उन्होंने श्री कृष्णा से क्षमा मांगी। तब से ही गोवेर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
2024 में गोवेर्धन की पूजा कब की जाएगी?
ये कृष्णा भगवन को समर्पित है क्युकी भगवन श्री कृष्णा के कहने पर ही लोगों ने इंद्रा भगवन की पूजा को छोड़कर गोवेर्धन पूजा करने की शुरुवात की। गोवेर्धन पूजा वैसे से सदैव दिवाली के अगले दिन की जाती है। इस दिन सभी लोग गोवेर्धन पर्वत, गाय और श्री कृष्णा की पूजा की जाती है।
2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवम्बर शनिवार को मनाया जायेगा क्युकी इस साल दिवाली 1 नवम्बर को मनाई जा रही है। पूजा का सुबह का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर 08 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। गोवेर्धन पूजा का शाम का समय 03 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 05:55 मिनट तक।
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गोवेर्धन पूजा की विधि
यदि शास्त्रों के हिसाब से देखा जाए तो इस दिन हमें जल्दी उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए। और घर के बहार के चबूतरे को अच्छे से धो कर साफ़ ले या फिर आपके घर में बरामदा हो तो उसे अच्छे से धो कर साफ़ कर ले और उसके बाद गाय के गोबर से वहां गोवेर्धन पर्वत बना ले और उस पर फूल पत्तियों से और रंगोली से सजा ले। गाय के दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे, दीपक, आदि से पूजा कर ले और गोवेर्धन पर्वत की 7 परिक्रमा खीलों के धान की वर्षा करते हुए लगा ले। गोवेर्धन पर्वत की पूजा से खुशाली और पेसो में बरकत होती है।
इसके आलावा मंदिरों में अनकूट का प्रसाद बनाकर श्री कृष्णा को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। 56 भोग का प्रसाद श्री किर्श्ना को भोग के रूप में चाहया जाता है । जब श्री कृष्णा ने गोवेर्धन पर्वत को अपनी उंगली से उठाया तो 7 दिनों तक उन्होंने कुछ नहीं खाया और आठवे दिन माता यशोदा ने उन्हें 56 तरह का खाना बनाकर खिलाया था तभी से 56 भोग का प्रसाद श्री कृष्णा को अर्पित किया जाता है।
गोवेर्धन पूजा की सामग्री
गोवेर्धन पूजा के लिए शुद्ध गाय का गोबर, खीलो की धान, फूलों की माला, घी का दिया, प्रशाद, रंगोली, पताशे, गंगाजल, शहद, दही, घी की पूड़ी आदि चीज़ो की आवश्यकता होती है।
गोवेर्धन पूजा के दिन खास उपाय
- इस दिन गाय की सेवा करनी चाहिए, गाय को चारा आदि खिलाना शुभ मन जाता है।
- यदि आपको पेसो से समबन्धित कोई समस्या है तो पीपल के पेड़ के निचे एक दिया जलाये।
- आप इस दिन तुलसी का पूजन करके घी का दिया जला सकते है।
- इस दिन भगवान् श्री कृष्ण को पंचामृत चढ़ाने से सभी प्रकार के फल की प्राप्ति होती है।
- जो भी गोवेर्धन पूजा में अन्नकूट बनाकर श्री कृष्णा को चढ़ाता है उसके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।
FAQ’s-
Q.1- गोवेर्धन पूजा के लिए प्रतिपदा तिथि की शुरुवात कब से होगी?
उत्तर- गोवेर्धन पूजा के प्रतिपदा तिथि की शुरुवात 1 नवम्बर शाम 06:16 मिनट से लेकर अगले दिन 02 नवम्बर को रात 08:21 मिनट तक रहेगी।
Q.2- गोवेर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
उत्तर- साल 2024 में गोवेर्धन पूजा 02 नवम्बर को की जाएगी और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 06:07 मिनट से लेकर 08:28 मिनट तक है। शाम की पूजा का समय साय 03:33 मिनट से लेकर 05:55 मिनट तक है।
Q.3- अनकूट क्या होता है?
उत्तर- अन्नकूट होता है अन्न का मिश्रण जिसमे सब्जी, चटनी, पूरी, हलवा, रायता, बाजरे की खिचड़ी, कड़ी, चावल, चोले की दाल आदि चीज़ो को मिक्स करके अन्नकूट बनाया जाता है।
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