इस ब्लॉग के माध्यम से हम आप सभी को बांके बिहारी मंदिर से जुड़े 10 रोचक तथ्य के बारे में बतायेगे, जैसे की ऐसा की स्पेशल है मंदिर में जो रोज इतनी भीड़ लगती है और क्यों वाहा जाना चाहिए । इसमें हम बांके बिहारी मंदिर से जुड़े 10 रहस्य जैसे की दर्शन करते समय भक्तो की आँखों में आंसू निकलना, हर 2 मिनट में भगवान् के आगे पर्दा करना और भी बहुत सारी बाते इस ब्लॉग में हम बतायेगे।
बांके बिहारी मंदिर से जुड़े 10 रोचक तथ्य
निचे हमने बांके बिहारी मंदिर से जुड़े सरे रोचक तथ्य और जानकारी दी है। जो की हामरे लिए बहुत ही महत्व पूर्ण जानकारी है।
1.श्री बांके बिहारी लाल को प्रकट करने वाले स्वामी श्री स्वामी हरी राम जी
12 साल निधि वन में तपस्या करके अपनी प्रार्थनाओ से, अपने संगीत के माध्यम से श्री बांके बिहारी लाल जी को अपने हृदय से अपनी गोदी में प्रकट किया। श्री बांके बिहारी लाल जी के मंदिर में जो आपको भव्य मूर्ति के दर्शन मिलते है वो राधा कृष्णा के मिलित अवतार है।
बांके बिहारी जी को स्वामी श्री हरी दस जी ने निधि वन में अपने हृदय से प्रकट किया, स्वयं ठाकुर जी ने आकर हरी दस जी को कहा की आप मेरी सेवा करो। तोह हरी दस जी ने कहा की देखो मेरे उम्र ज्यादा हो गयी है में आप दोनों की अलग से सेवा नहीं कर सकता तोह ठाकुर जी और राधा जी एक बन गए। बिहारी जी के दर्शन जो आप करते हो ये मिलित अवतार है। एक प्राण दो देह- राधा कृष्णा सनेह।
क्या आप जानते है की ठाकुर जी की 8 सखियों में से ललिता और विशाखा जो ख़ास सखी है उनमे से ललिता सखी के स्वयं अवतार है स्वामी श्री हरी दस जी। स्वामी श्री हरी दस जी जब द्वीप गान गाते थे तो करोडो करोडो द्वीप अपने आप ही प्रजवल्लित हो जाते थे और जब वो मेघगान गाते थे तोह आकाश से वर्षा होने लग जाती थी।
2. आपको बांके बिहारी का मतलब पता है?
आइये हम आपको बताते है। बांके का मतलब होता है, जो 3 जगहों से टेढ़ा हो, 3 जगहों से मुडा हुआ हो। श्री बांके बिहारी जी की आप प्रतिमा देखेंगे तो पाएंगे ये मुख से टेढ़े है, दूसरा ये कमर से टेढ़े है, तीसरा श्री बांके बिहारी जी चरणों से टेड़े है। तोह ठाकुर जी को त्रिभंग भी कहते है। यहाँ पर श्री बांके बिहारी मंदिर में 3 अंगो से टेढ़े खड़े है। बिहारी का अर्थ क्या है? बिहारी का मतलब है जो उत्कृष्ट भोक्ता हो जो होनी ही मस्ती में मग्न रहता हो।
3. हालाँकि श्री बांके बिहारी लाल जी पुरे वृन्दावन के आराध्य मने जाते है और संसार में से सबसे ज्यादा भक्त बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए ही वृन्दावन में आते है। Most visited temple in Vrindavan Dham भी कहा जाता है।
स्वामी श्री हरी राम जी की ऐसे भावना थी की अगर मेरा छोटा सा ललन अगर बांसुरी पकड़ेगा तो थक जायेगा दुखी हो जायेगा, परेशां हो जायेगा तो इसीलिए श्री बांके बिहारी लाल जी के मंदिर में बांके बिहारी लाल जी को बांसुरी नहीं पकड़ाई जाती है । साल में केवल एक बार श्री बांके बिहारी लाल जी को बंसी पकड़ाई जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन ही सिर्फ बिहारी जी को बंशी धारण करवाई जाती है।
4. क्यों श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में पर्दा हर बार 2 से 3 सेकंड बाद लगता है?
श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में जब आप दर्शन करने जाते है तो आपने देखा होगा की पट के बिलकुल आगे एक पर्दा लगा होता है और वोह पर्दा बार बार 2 से 3 सेकंड बाद लगता रहता है। इसके पीछे क्या कारण है ? सबसे पहला कारण यह है की बांके बिहारी लाल जी की नजरे किसी भक्त के साथ न मिल जाये। एक बार ऐसा हुआ की एक बांके बिहारी जी का अनन्य भक्त ठाकुर जी के दर्शन करने आया और इतनी भाव विभोर होकर ठाकुर जी को पुकारा, बांके बिहारी जी को उनकी प्रार्थना इतनी प्यारी लगी की बांके बिहारी जी अपने गर्भ ग्रह से ही निकल कर मंदिर से ही निकल गए।
श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में में सालो साल भीड़ पड़ी ही रहती है और लोग इतने आते है जिसकी कोई हद नई होती। और इसीलिए ही बांके बिहारी जी का मंदिर परिवार के साथ मथुरा में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है।

दूसरा कारण- क्यों बांके बिहारी लाल की के मंदिर में परदे बार बार बंद होते रहते है क्युकी हमारे बांके बिहारी लाल जी को किसी की नजर न लग जाये, इसीलिए हर 2 से 3 सेकंड में परदे बंद होते रहते है।
5. श्री बांके बिहारी लाल जी के चरण के दर्शन कब होते है?
तो साल में सिर्फ एक बार बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होते है – अक्षय तृत्य के दिन । इस दिन शाम के समय पुरे अंश विग्रह के दर्शन आपको मिलेंगे। इस दिन उनके पुरे शरीर पर चन्दन लगाया जाता है।
6. बांके बिहारी लाल जी को इत्र बहुत ज्यादा पसंद है।
एक बार अकबर श्री हरी दस जी से मिलने के लिए निधि वन में आये थे, क्युकी तानसेन जी स्वामी हरिदास जी के शिष्य थे और वो अकबर के लिए बहुत प्यारे प्यारे गीत गया करते थे। तोह एक बार अकबर ने तानसेन जी से कहा की मुझे तुम्हारे गुरूजी से मिलना है क्युकी जब तुम ही इतना प्यारा गाते हो तो तुम्हारे गुरूजी कितना प्यारा गाते होंगे। तभी तानसेन जी ने कहा की मेरे गुरूजी वृन्दावन छोड़कर कही नहीं जाते आपको ही उनसे मिलने के लिए निधि वन जाना पड़ेगा। तब अकबर जी निधि वन आये और श्री हरी दस जी के दर्शन करे और उन्होंने भी अपना माथा उनके सामने टेका और उन्होंने एक इत्र की बोतल तोहफे के रूप में दिया था।
तब से लेकर आज तक श्री बांके बिहारी लाल जी की सेवा में इत्र का प्रयोग किया जाता है, क्युकी स्वामी हरी दस जी ने उस इत्र को अपने लिए नहीं बल्कि बांके बिहारी जी की सेवा में लगा दिया था। इसीलिए बांके बिहारी जी की सेवा इत्र लगा कर की जाती है।
7. श्री बांके बिहारी जी के दर्शन में झूले पर बैठे हुए करने है तोह आपको साल में सिर्फ एक बार हरियाली तीज के दिन ही श्री बांके बिहारी लाल जी सोने से राजित एक बड़े मनमोहक झूले पर बैठते है। इसके आलावा यदि आपको बांके बिहारी लाल जी के होली के दर्शन करने है तो बसंत पंचमी के दिन से ही रंग लगना शुरू हो जाता है।
8. हमारे सबके प्राण प्रिय श्री बांके बिहारी लाल जी मार्गशीष के शुक्ल पंचमी के दिन प्रकट हुए थे। इस दिन को बिहार पंचमी भी कहा जाता है और आज के दिन श्री राम जी और माता सीता का विवाह भी हुआ था तोह इसलिए राम जी के भट इस दिन को विवाह पंचमी भी कहते है ।
9. क्या आप जानते है हमारे बांके बिहारी लाल जी की मंगल आरती ही नहीं होती है। साल में सिर्फ एक बार जनमाथमि के दिन रात के 12 बजे बाद श्री बांके बिहारी लाल जी की मंगल आरती गयी जाती है। क्युकी स्वामी हरी दस जी का बाव ये था की स्वामी हरी दस जी का कहना था की छोटा सा बालक है इसे सुबह सुबह कैसे उठाऊंगा इसीलिए बांके बिहारी लाल जी के मंदिर में हर दिन मंगल आरती नहीं होती है। साल में सिर्फ एक बार ही रात के 12 बजे बाद आरती की जाती है।
10 बांके बिहारी जी की बाल रूप की सेवा है, इसीलिए भोग में बिहारी जी को मीठा ज्यादा पसंद है इसलिए इन्हे दूध, भात और अघोटा ये बहुत ही ज्यादा मीठे होते है, इन्ही का भोग लगाया जाता है। इनकी एक विशेष विधि होती है बनाने की ये ठाकुर जी को सबसे प्रिय भोग है जो रोज ठाकुर जी को भोग लगते है केवल एकादशी या फिर किसी तीज त्यौहार के दिन दूध भात का भोग नहीं लगता क्युकी उसमे चावल होते है इसीलिए ठाकुर जी को अघोटा सुबह और शाम दोनों समय दिया जाता है। ठाकुर जी को केसरिया अघौते का भोग लगाया जाता है। ठाकुर जी की इत्र मालिश हो या फिर भोग हो सभी में केसर का इस्तेमाल क़िया जाता है।
अगर दोस्तों भगवान् श्री कृष्ण से ही जुडी आप और रोचक तथ्य के बारे में जाना चाहते है तो श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना के बारे में रोचक तथ्य एवं समस्त जानकारी को आप पढ़ सकते है।
सारांश- हम आशा करते है की आप सभी को 10 Amazing Facts about Banke Bihari Temple, के बारे में जानकार अच्छा लगा होगा। अगर आप ऐसे ही और मंदिरो से जुडी रोचक बातें और रहस्य जानना चाहते है तो हमारी वेबसाइट के साथ हमेशा जुड़े रहे।
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