Jaipur Ki Bhootiya Haveli: Story of Jaipur’s haunted house B 283:– आज हम आपको जो कहानी सुनाने वाले है वो जयपुर राजस्थान की कहानी है, जहाँ लोगो को बहार से ही नकारात्मक ऊर्जा महसूस होने लगती है। पिछले कई सालो से ये घर बंद है क्युकी इस मकान का मिल्क यहाँ खुद भी नहीं रह पता और ना ही ये मकान किराए पर जाता है। इसी मकान में करीब 8 से 9 साल पहले यहाँ सुमित नाम का एक व्यक्ति रहते थे जो की भरतपुर के थे पर वो बचपन से जयपुर में ही रह रहे थे। सुमित के परिवार में उनके अलावा उनके माता पिता और दादा दादी रहते थे। आज की कहानी में आपको पता लगेगा कैसे लोगो ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और बहुत से डरावना एहसास दिया है। कुछ कारणों से हमने ब्लॉग में घर का पूरा पता नहीं बताया है, चलिए कहानी शुरू करते है।
जयपुर के भूतिया घर बी 283 की कहानी
साल 2014 की बात है, सुमित और उसका परिवार जयपुर में किराये के मकान में रहा करते थे। कुछ पेसो की तंगी के चलते जहाँ वो रहते थे उन्हें वहां से घर खाली करना पड़ा। सुमित के पिताजी ने काफी सारे घरो की तलाश की और दलालों से भी बात की उन्हें नया घर किराये पर चाहिए। ऐसे ही कुछ समय बीत गया फिर अचानक एक दलाल ने उन्हें एक घर की फोटो भेजी ” बी 283 “। ये वही घर था जिसने सुमित की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। इस मकान में मरम्मत का काम चाल रहा था जिसमे पहली मंजिल बहुत ही आलिशान तरीके से बानी हुई थी और दूसरे माले का काम अभी अधूरा था। इसके बाद सितम्बर 2014 में सुमित के परिवार ने उस मकान में जाने की तैयारी चालू कर दी। सुमित के पिताजी धीरे धीरे घर का सामान उसमे पहुंचने लगे।
पर घर के किसी भी सदस्य ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया की इतना खूबसूरत घर होने के बाद भी उस घर में मकानमालिक उसमे खुद रहने के बजाय उसे किराये पर क्यों दे रहा है। इस बात से अनजान सुमित का परिवार वहां शिफ्ट हो गए।
13 सितम्बर 2014 को सुमित स्कूल चला जाता है और उसके पिताजी घर पर आराम कर रहे होते है। उस समय घर में सिर्फ दो ही लोग थे सुमित की माताजी और दादीजी, उसके पिताजी काम पर जा चुके थे। थोड़ी देर बाद सुमित की माताजी ने देखा उस कप में उन्होंने चाय पी थी वो चाय का कप वहां नहीं है। जब उन्होंने चाय का कप ढूंढ़ने की कोशिश की तो उन्हें चाय का कप किचन में उल्टा पड़ा मिला और साड़ी चाय निचे गिरी हुई थी। पहले तो सुमित की माताजी सोचने लगी ऐसे कैसे हुआ पर फिर उन्होंने सोचा की शिफ्टिंग के काम में ज्यादा थक गयी है इसीलिए शायद ऐसा हुआ हो। शाम हो जाती है और सब घर लौट आते है और शाम को सुमित घर के बहार खेलने चला जाता है।
इस घर में पहली मंजिल का मकान सुमित के परिवार ने किराये पर ले रखा था और दूसरा माले का रास्ता पहले माले के चौक से ही था। पर दूसरे मंजिल की बालकनी में एक बच्चे का वोकर रखा था जो निचे से ही दिखाई देता था। करीब रात के 11 बाज गए थे सुमित और उसके माता पिता और उसके दादा दादी खाना खाकर सोने जाते है और सोने के थोड़ी ही देर बाद सुमित की माताजी को हॉल में कुछ बर्तन गिरने की आवाज आती है। सुमित की माताजी हॉल में देखने जाती है और अँधेरे के कारण वो ज्यादा देख नहीं पाती जैसे ही सुमित की माता लाइट जलती है लाइट जलती नहीं है तब वो फ़ोन की फ़्लैश लाइट से देखते है।
अचानक फ़्लैश लाइट एक ऐसी जगह पर गिरती है जहाँ उन्हें ऐसा दिखाई देता है की उनके रोंगटे खड़े हो जाते है और वो जोर से चिल्लाती है, जिससे सुमित की नींद खुल जाती है। जैसे ही सुमित हॉल में जाता है तो देखता है की वहां दो कुत्ते की परछाई नजर आ रही है और देखते ही देखते वो कुत्ते तेज तेज भोकने लगते है। ये देखते ही सुमित और उसकी माताजी कमरे में भाग जाते है। कमरे में आते ही हॉल की लाइट जल जाती है , जैसे ही वो बहार देखने जाते है तो वहां कोई भी नहीं होता। सुमित की माताजी को यकीन था की ये कोई उनका वेहम नहीं था पर फिर भी सुमित और उसकी माताजी उसके पिताजी को उठाने की कोशिश करते है लेकिन वो नहीं उठते।
जब सुमित ने अपने पिताजी को बार बार कोशिश करने के बाद भी नहीं उठे और पूरी रात उसके पिताजी की आखों से आँसू बहते रहे इसका कारण कोई नहीं जान पाया। इतने में हॉल से वापस आवाज आने लगती है जो की सुमित की दादी की थी, सुमित की दादी हॉल के बाथरूम जा रही थी।
थोड़ी देर बाद हॉल में गिरने की आवाज आती है तभी सुमित दौड़कर अपनी दादी को सँभालने जाता है तभी उसकी नजर बाथरूम के बेसिन पर जाती है और वो समझ जाता है की दादी ने बेसिन के सहारे उठने की कोशिश की और वो उनके ही हाथ ओर टूट कर गिर गया। उसके बाद सुमित की दादी उस बेसिन को उठाकर डाइनिंग टेबल पर ला कर रख देती है और ये सब सुमित देख रहा होता है और उसे देखकर हैरानी होती है की इतना भारी बेसिन कैसे आसानी से दादी ने उठा लिया।
तभी सुमित अपनी दादी को आवाज देता है लेकिन दादी किसी बात का कोई जवाब नहीं देती और अपने कमरे में चली जाती जैसे उन्हें किसी ने काबू में किया हो। सुमित और उसकी माता की नजर फिर से बेसिन के ऊपर जाती है और उसके पीछे फिर से उन्हें दो कुत्तो की परछाई के साथ एक औरत की परछाई दिखाई देती है जो परदे के पीछे चल रही थी।
ये देखकर सुमित और उसकी माताजी बहुत ज्यादा डर गए और फिर से भागकर कमरे में आ गए। दोनों इतने ज्यादा डर गए थे की दोनों डर के कारण रोने लगे। सुमित के पिताजी को उठाने की हर कोशिश नाकामियाब थी। ऐसे ही समय बीतता गया और रात के 2 बज गए। थोड़ी हिम्मत करके सुमित की माताजी बहार हॉल में देखती है तो उन्हें वैसे ही 2 कुत्ते के भोकने की आवाज और एक पायल की आवाज आयी वो डर के फिर अंदर चले गए। एक तरफ तो सुमित और उसकी माताजी बहुत डरे हुए थे और दूसरी तरफ सुमित के पिताजी के आखों के आँसू बंद नहीं हो रहे थे। जैसे तैसे सुमित और उसकी माताजी ने वो रात निकाल ली और दोनों पूरी रात नहीं सो पाए। जैसे ही सुबह हुई और वो हॉल में आये तो उन्होंने देखा की वो बेसिन वैसे का वैसा बाथरूम ले लगा हुआ है ये देखकर सुमित के होश ही उड़ जाते है। सुमित की माताजी सुमित को उसकी सेफ्टी स्कूल भेज दिया और सुमित के पिताजी को सारी बात बताई। सुमित के पिताजी को कुछ भी याद नहीं था। ये सब बाते जब सुमित के पिताजी को पता चलती है तो उनके पेरो टेल जमीं खिसक जाती है।
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सुमित के पिताजी तभी तुरंत अपने पुराने माकन मालिक को फ़ोन लगते है और कहते है आप चाहे हमसे ज्यादा किराया ले ले लेकिन हमें वापस वही आना है। तभी तुरंत उसके पिताजी गाडी मंगवाकर सामान वापस ले जाते है और उस घर बी 283 को हमेशा के लिए छोड़ दिया।
सुमित उसी घर के पास एक फूटबाल ग्राउंड फुटबॉल खेलने जाता था। बहुत आरसे बाद उसे वहां एक पुराण दोस्त मिला और उससे बात करने पर पता चला की वो एक महीने पहले उसी घर में रह रहा था जिसका मकान न था ” बी 283 ” . उसने बताया वो अपने 3 दोस्तों के साथ वहां रहता था, घर में आते ही उन्हें बहुत सारी नकारात्मक ऊर्जा महसूस हुई। अगर कोई बाथरूम जाता तो उसका गाइट बहार से बंद हो जाता और वो घर से बहार जाते तो खर की कुंडियां अंदर से बंद हो जाती। ये सब होने के बाद उन्हें लगा की उन्हें भी ये घर छोड़ना चाहिए। पर मकान का मालिक उनके पैसे नहीं दे रहा था इसीलिए वो घर खाली नहीं कर पा रहे थे। इसी बीच में जब वो बहुत ज्यादा परेशान हो गए और चीज़े ज्यादा बढ़ने लगी तो उन्होंने मकान खाली करने का फैसला लिया। लेकिन डरा देने वाली बात ये थी की उस मकान को खाली करने के दो दिन बाद ही दो दोस्तों ने आत्महत्या कर ली। और जो दोस्त सुमित को मिला था वो भी काफी परेशान रहता था।
सुमित के दोस्त ने बताया की जब उन्होंने घर खाली किया तो उसके बाद एक औरत ने वहां पर एक बूटिक खोला था जो वो 20 सालो से चला रही थी। उस मकान में जैसे ही वो आयी उसकी सिलाई आना बिलकुल बंद हो गयी और सिलाई करते हुए उस औरत का अंगूठा सिलाई मशीन में आकर कट गया। ये देखकर वो खूब भी हैरान रह गयी की जिसे 20 साल का एक्सपीरियंस है उसके साथ ऐसा हादसा कैसे हो सकता है और उस औरत ने भी वो फ्लैट खाली कर दिया। उस दिन के बाद से वहां कोई रहने नहीं आया।
क्यों है बी 283 भूतिया ?
इस मकान में पहले इस मकान का मालिक और उसकी पत्नी रहा करते थे जिनका एक किशोर नाम का बेटा था। उसकी पत्नी उसी घर में आग लगने के कारण जलकर ख़त्म हो गयी थी और उसके मरने के ठीक एक महीना पहले उनका बेटा किडनैप हो गया था और वो आज तक नहीं मिल पाया आज तक उसका कोई नामो निशान नहीं मिल पाया। उस औरत के पास दो कुत्ते थे जो उस औरत के साथ ही आग में जलकर मर गए थे और इन्ही की परछाई थी जो सुमित और उसकी मम्मी को उस घर में दखाई दी थी।
तो दोस्तों कोई भी यदि घर आप किराये पर दे तो कुछ बातो का ध्यान जरूर दे की इतना सुन्दर घर होने के बाद मकान का मालिक खुद किराये पर रहे तो मकान में जरूर गड़बड़ होगी। तो इन चीज़ो का ध्यान जरूर दे क्युकी जिंदगी बहुत कीमती है मेरे दोस्त।
तोह ये थी जयपुर के भूतिया मकान की कहानी जहाँ अब लोग दिन में जाने से भी डरते है। अगर आपको हमारा ब्लॉग अच्छा लगा तो कमेंट करके जरूर बताये।
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