गोलकोंडा फोर्ट का नाम तो आपने सुना ही होगा ये वही जगह है जहाँ पर कोहिनूर हीरा मिला था। हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा फोर्ट आज पर्यटकों का विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस गोलकोंडा फोर्ट को पहले गोलाकोण्डा के नाम से जाना जाता था। इस फोर्ट का निर्माण 5 चरणों में किया गया जिसमे सबसे पहले चरण में राजा रानी, फिर मंत्री, सिपाही ऐसे ही सब कुछ बसा हुआ था। आज हम आपको गोलकुंडा से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य बताने वाले है जिनके बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा।
गोलकोंडा फोर्ट से जुड़े रहस्य
1.बालाहिसार गेट
गोलकोंडा फोर्ट में प्रवेश करने के लिए एक ही द्वार है जिसका नाम बालाहिसार गेट है। इसका गेट का नाम पारसी में रखा गया है। इस गेट के अंदर लकड़ी और बहार लोहे की चादर लगी है जिसकी उचाई 18 फ़ीट है।
2.स्क्रीन वॉल
बालाहिसार गेट के बिलकुल सामने है इसका निर्माण दुश्मनो को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया। दुश्मनो को बहार से देखने पर शाही गेट की जगह सिर्फ ये स्क्रीन वॉल ही नजर आती थी। इस दिवार की मदद से फोर्ट में घुसना मुश्किल हो जाता था। अगर कोई दुश्मन अंदर आने की कोशिश भी करता तो अंदर से गरम पानी और तेल दाल दिया जाता।
3.ओल्ड टेलीफोन
उस समय टेलीफोन नहीं हुआ करते थे तो ताली बजाकर सन्देश भेजे जाते थे। बालाहिसार गेट से आगे चलते ही ऊपर की दीवारों पर 24 डाइमंड कट्स बने है जो की ईरान के आर्किटेक्ट द्वारा बनाये गए। ये डाइमंड कट्स नीचे बजायी गयी ताली को 480 फ़ीट तक की कहै पर बने दरबार तक सुनाई देती थी। उस ज़माने पर कुछ कोड वर्ड्स हुआ करते थे जो तालियों के जरिये समझे जाते थे।
4.शाही गुसलखाना
राज घरानो में किसी की भी मृत्यु होने पर लाश को यही नहलाया जाता था। यहाँ जनाजे को गर्म, ठन्डे और गर्म ठन्डे पानी से नहलाया जाता था। इस सही गुसलखाने को मुर्दा स्नान घर भी कहा जाता था। यहाँ नेहलाने के बाद सामने स्थित मस्जिद में लाश को ले जाया जाता था और नमाज अदा जी जाती थी और दूसरे रस्ते से उसे बहार ले जाया जाता था।
5.फेक कैनन
ये विक्टोरिया एलिजाबेथ ने हैदराबाद के निजाम को उपहार में दिया था। ये सिर्फ शो पीस है जिससे कभी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसका निर्माण 1873 में किया गया था।
6. 5 दीवारे
आपको जानकर हैरानी होगी की इस फोर्ट की कोई भी नीव नहीं है ये फोर्ट ऊपर से बनता हुआ आया है। गोलकोंडा फोर्ट को पहाड़ को काटकर बनाया गया है। इस फोर्ट को बनाने में कुल 62 सालो का समय लगा। ये पूरा फोर्ट 5 दीवारों से घिर कर बना है।
7.आम रास्ता
गोलकोण्डा फोर्ट में एक आम रास्ता है जो की उस समय में आम लोगो के लिए इस्तेमाल किया जाता था। महल में दो रस्ते थे एक तो आम जनता के लिए दूसरा रास्ता महल का था जो की आम लोगो के द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाता था वो सिर्फ महल के लोगो के द्वारा ही स्तेमाल किया जा सकता था। आम लोग यही से राजा से मिलने जाते थे और यही से वापस आते थे।
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8.सैनिको के लिए घर
गोलकोंडा फोर्ट में सिपाहियों के लिए घर बनाये जाते थे जो वो आराम करने के लिए उपयोग करते थे। उनके घरो में कोई दरवाजा नहीं होता था सीर्फ पर्दो के जरिये ही उनके घरो को अलग कर दिया जाता था। सैनिको का घर ईरानी आर्किटेक्ट द्वारा बनाये गए है।
9.मेहमान कक्ष
मेहमान कक्ष में बैठने के लिए चार कार्नर है। यदि मेहमान एक कोने में बैठता तो राजा जस्ट उसके सामने वाले कार्नर में बैठता जिससे मेहमान जो कुछ भी बोलता वो राजा को साफ़ सुनाई देता क्युकी मेहमान कक्ष में वौइस् ट्रैवेलिंग साउंड सिस्टम था। इसीलिए राजा ने मेहमानो के लिए विशेष कक्ष बनवाया हुआ था।
10.रिकॉर्ड ऑफिस
गोलकोण्डा के रिकॉर्ड ऑफिस में 4 कमरे हुआ करते थे। यहाँ पर अकरणा और मादरणा दो भाई थे जो की सारा हिसाब किताब का काम किया करते थे। इस कक्ष में बहुत ऊंची ऊंची अलमारियां हुआ करती थी।
11.नगीना गार्डन
इस बगीचे का नाम नगीना इसलिए रखा गया क्युकी यहाँ पुराने समय में नगीना मार्किट लगा करता था। इस पुरे गार्डन में चौकोर नुमा संरचना के अलग अलग छोटे छोटे पार्क बने है जहाँ पहले लोग अगर अपना अलग अलग टेंट बनाकर स्टॉले लगाया करते थे। ये मार्किट सिर्फ सफ्ताह में एक दिन यानी की सिर्फ शुक्रवार को ही लगा करती थी।
12.कोहिनूर का हीरा
विश्व प्रसिद्ध गोलकुंडा फोर्ट किसी और की नहीं बल्कि गोलकुंडा फोर्ट की ही देन है। ये हीरा सर्वप्रथम क़ुतुब शाही डायनेस्टी को मिला उसके बाद उन्होंने इसे तराश के 360 कैरट का कोहिनूर बनाया। ऐसा कहा जाता है की ये हीरा जिसके पास ये हीरा आता था उनका साम्राज्य ख़तम हो जाती थी। इसीलिए कोहिनूर हीरे को बदकिस्मत हीरा कहा जाने लगा।
13.रामदास जेल
गोलकुंडा फोर्ट में एक मस्जिद है जिसके बिलकुल निचे रामदास जेल है। रामदास उस ज़माने में कर वसूल करने वाले थे। कर वसूल करके खजाने में जमा करवाया करते थे। बिना राजा को बताये रामदास लोगो से कर वसूल करके राम मंदिर में जमा करा दिया करते थे और जैसे ही इस बात का पता राजा को चला तो उन्होंने रामदास को 12 साल की कैद की सजा सुनकर इसी जेल में बंद कर दिया था। यहाँ आपको दीवारों पर पथ्थर से तराशे हुए 16 भगवन की तस्वीरें नजर आएगी जो की रामदास जी ने बनवायी थी।
14.इको पॉइंट
मैन गेट से ही उलटे हाथ पर बने सही महल राजाओ के परिवारों के रहने की जगह थी। उनमे ले जाने से पहले क्लैपिंग करके सुचना दे दी जाती थी जो की दूर से ही करने से महल में भू सुनाई दे देती थी जिसे डोर बेल कहा जाता था।
15.गीजर सिस्टम
गोलकुंडा फोर्ट में उस ज़माने में भी गरम पानी और ठन्डे पान की अलग अलग व्यवस्था थी। इस पानी को गर्म करने के लिए पर्शियन व्हील सिस्टम का उपयोग होता था और क्ले के पाइप के जरिये पानी को स्नान घरो में भेजा जाता था।
तो ये थे गोलकुंडा के महल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और रहस्य जिनके बारे में आपने आज तक नहीं सुना होगा। अगर आपको हमारा ब्लॉग इन्फोर्मटिव लगा तो कमेंट करके जरूर बताये।
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