कुलधरा एक भूतीया गाँव कहते है कि अगर हम मिल जुलकर रहे तो बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकते है। आज की कहानी से हमें कुछ ऐसा ही सिखने को मिलता है। एक रात में लगभंग 84 गाँव के 600 घरों के लोग रातों-रात गायब हो जाते है। कहां गए किसी को नहीं पता। जिस गाँव को वो छोड़कर गए उसका नाम है कुलधरा। जिसे एक श्रापित गाँव माना जाता है।
कौन कौन से कारण थे उस गाँव के श्रापित होने के? क्या ऐसा राज आज भी उस गाँव में दफन है?
पीछे लगभग 200 साल से ये गाँव सुनसान पड़ा है जो कभी सारी सुविधाओं से परिपूर्ण हँसता खेलता गाँव था वो आज बंजर पड़ा है और आज सिर्फ एक ट्यूरिस्ट जगह बनकर रह गया है। राजस्थान में जो सबसे डरावनी जगह है उनमें कुलधरा का नाम दूसरे नंबर पर आता है। वहाँ के लोकल निवासियों का कहना है कि उस गाँव में भूत प्रेत का साया रहता है। रात को उस गाँव से कभी बच्चों के रोने की तो कभी औरतों की चूडियों की आवाज आती है। कई लोगों का कहना है कि जब वे लोग गाडियों से उस गाँव में घूमने गए और वहाँ से लौटे तो उनकी गाडियो के शिशों पर बच्चों के पंजों के निशान मिले।
राजस्थान सरकार ने उस गाँव के चारों तरफ 2 किलोमीटर दूर से ही एक दीवार बना दी और एक बड़ा सा गेट बना दिया। आप कोई भी वहां दिन में तो घूमने जा सकता है परन्तु सूरज ढलते ही वहां से जाने के लिए कह दिया जायेगा। शाम 4 बजे बाद वहां किसी को रूकने नहीं दिया जाता यहां तक की वहां कोई गार्ड भी नहीं रूकता।
अगर इतिहासकारों की बात करे तो वो भी इस बात को सच मानते है जिस तरह एक गाँव एक रात में खाली हो गया हालांकि भूत-प्रेत वाली बात वो नकार देते है।
जैसलमेर से कुलधरा गांव जाने का रास्ता
राजस्थान के जैसलमेर शहर जिसे की गोल्डन सिटी भी कहा जाता है बहुत ही खूबसूरत शहर है वहां की हर चीज मकान, दुकान या कोई मशहूर किला वो आपको गोल्डन यैलों रंग की मिलेंगी। जैसे ही सुबह की पहली किरण जैसलमेर पर पड़ती है पूरा शहर सोने की तरह चमकने लगता है। इसलिए जैसलमेर को सोने का शहर भी कहा जाता है।
जैसलमेर से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर कुलधरा गाँव बसा हुआ है। जैसलमेर से कुलधरा जाने का रास्ता बहुत ही वीरान है। आपकों बड़ी मुश्किल से 6 किलोमीटर बाद आपकी गाड़ी के अलावा कोई दूसरी गाड़ी दिखेगी जब आप वहां पहुंचे गए तो आपको अजीब सा महसूस होगा। ऐसा लेगेगा की जैसे मानों किसी दूसरी दुनिया में आ गए हो और अचानक तापमान में गिरावट आने लगेगी। आप अगर गरमियों की दोपहर में भी वहां जायेगें तो गर्मियों का एहसास नहीं होगा। वहां गए लोग बताते है कि वहां उन्हे ऐसा लगता है कि जैसे उनके कन्धे पर किसी ने हाथ रख रखा हो और जैसे मानो कुछ औरते वहां बैठकर हंस रही हो।
पालीवाल ब्राह्मण
इतिहास कारों का कहना है कि लगभग सन् 1251 में जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर कुछ किलोमीटर के एरिया में पालिवाल ब्राह्मणों ने इस गांव कुलधरा को बसाया और वहां 84 गांव के 600 घरों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते थे।
पालिवाल जाति के लोग बहुत होनहार, पढे-लिखे, रहीस और बहुत ही मेहनती थे। इन लोगों का दिमाग बहुत तेज था। और ये लोग अच्छे वैज्ञानिक भी माने जाते थे। इन लोगों ने उस जमाने में बहुत ही नई तकनीकों का ईजात किया। इन्होने बहुत वैज्ञानिक तरीके से अपने घर बनाए। काफी घर आज भी वहां मौजूद है और ये अभी भी बिलकुल नए जैसे लगते है।
गर्मी में 45 डिग्री के तापमान में भी उन घरों में ठण्डी हवा आती है। आपकों ये महसूस भी होगा अगर आप उन घरों में जायेगें तो। पालिवाल लोगो का मुख्य पेशा जानवरों को पालना और खेती करना था। पालिवालों ने ऐसी तकनीक की ईजात की थी की बारिश का पानी रेत में जमा नहीं होता था बल्कि ये एक साथ गइराई पर जमा हो जाता था। जिसकी वजह से वे वीरान जगह में भी फसल उगाने में कामियाब रहे। कोई आम फसल नही बल्कि अच्छी किस्म की उमदा फसले उनके द्वारा उगाई गयी।
उन्होंने वहां कई बावडी और तालाब बनाए जिनसे वे खेती करते थे जो आज भी आपको देखने को मिलेंगे।
फिर ऐसा क्या हुआ था जिसके कारण ऐसा उन्नत और विकसित गांव एक रात में विरान हो गया?
कुलधरा का दीवान
इसका कारण था जैसलमेर का दीवान सालम सिंह। सालम सिंह बहुत ही कुर दीवान था और कुलधरा गांव भी उसी के प्रशासन में आता था और उसके कुर होने के पीछे भी एक कहानी हैदरअसल सलीम सिंह जब 11 साल का था तो किसी राजद्रोह के आरोप में उसी के सामने उसके पिता की गरदन काट दी गई। उसके पिता भी जैसलमेर के सोनार किले में दीवान थे। उसी घटना से सलीम सिंह को कुर बना दिया।
कुलधरा गांव खाली क्यूं हुआ? History of Kuldhara Village
एक बार सालम सिंह कुलधरा गांव का दौरा कर रहा था। तो अचानक उसकी नजर वहां की पुजारी की बेटी पर पड़ी और उसकी नियत खराब हो गयीउस लडकी को पाने के लिए उसने बहुत कोशिश की और अलग-अलग तरह की लगान लगाई। ताकि पालिवाल ब्राह्मण उसके सामने झुके और वो अपनी मंशा पुरी कर सके। पर पालिवाल ब्राह्मण बहुत ही उन्नत और रहीस थे और इस वजह से उसकी चाल कामियाब नहीं हो पाई। आखिरकार उसने कई बार उस लडकी को उठाने की भी कोशिश की पर इसमें भी वो कामियाब नहीं हो पाया। और अंत में जब उसे कोई भी कामियाबी हासिल नही हुई तो उसने सीधे उस गांव में संदेश भिजवा दिया कि अगले पूरणमासी की रात तक उसी लडकी को सालम सिंह की हवेली तक भिजवा दो नही तो वो उस गांव पर आक्रमण कर देगा।
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यह सुनकर पालिवाल गांव के लोग बहुत ही परेशान हो गए और उनकी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें क्यूंकि पूरणमासी की रात आने में कुछ दिन का ही समय बचा था। हर आदमी अपनी अपनी तरीके से सुझाव दे रहा था। पर इसके लिए उसके पास वक्त नही था। इसके बाद गांव में पंचायत बुलाने का निर्णय लिया गया उसी दिन सारे 84 गांव के लोग एक मंदिर में इकट्ठा हुए। सभी ने वहां मिलकर अपना-अपना सुझाव दिया किसी ने कहा की हम सभी लोग साथ मिलकर इस मुसीबत का सामना करेंगे लेकिन वो कुछ 1000 लोग इतनी बड़ी सेना का सामना नही कर सकते थे किसी ने कहा कि वो परिवार वहां से चला जाए पर सालम सिंह के जुल्म के किस्से बहुत ही मशहुर थे अंत में सभी 84 गांव के लोगों ने मत से फैसला लिया वे सभी लोग चुपचाप शांति से इस गांव से चले जायेंगे। उनका कहना था हम अपनी इज्जत का सौदा नहीं करेंगे। यही फर्क था उस समय के लोगों में और आज के लोगों में। वो सारे लोग जिस तरह से एक लड़की की इज्जत को बचाने के लिए एक साथ आ गए यह अपने आप में एक मिसाल है।
कुलधरा को श्राप
जब गांव छोड़ने का फैसला हुआ तो उन्हे पता था अगर गांव छोडने में थोडी सी भी देरी हुई तो यह बात सालम सिंह तक कही ना कहीं से पहुंच ही जाएगी। तब, उसी रात उन्होने गांव छोडने का फैसला लिया और लोगों से कहां गया था सिर्फ जरूरी समान ही अपने साथ ले। और लोग अपने हंसते खेलते गांव को यूही छोड़ गए। और उन लोगों ने उस गांव को श्राप दिया की आज के बाद यह गांव कभी नही बस पाएगा और जो यहां बसने की कोशिश करेगा उसका अच्छा नहीं होगा। फिर दो तीन दिन बाद जब पूरणमासी की रात बीत गई और वो लड़की सालम सिंह की हवेली नही पहुंची तो वह अपनी सेना के साथ कुलधरा गांव में पहुंच गया। वहां उसे एक व्यक्ति भी नजर नही आता है। बाद में उसने अपने सैनिकों से वहां खुदाई कराई क्योंकि पालिवाल लोग बहुत रहीस थे। उसके बाद कई सैनिकों ने वहां बसने की कोशिश पर वहां कोई नहीं बस पाया।
2013 में पैरानॉर्मल सोसायटी के लोग भी वहां गए उन्हे उनके डिवायस में कुछ पैरानॉर्मल एक्टीविटी दर्ज की गयी।
ऐसी ही रहस्य भरी कहानियो को जाने के लिए बने रहे Kahiankahibaate के साथ ।
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प्रश्न और उतर:
Q.1 राजस्थान का सबसे डरावना और भूतिया गांव कोनसा है।
उतर: राजस्थान में ऐसे तो बहुत से गांव है जहा में रात में जाना मना है जैसे की भानगढ़, पर सबसे कुलधरा जो की जैसेलमेर में स्तिथ है उसको राजस्थान का सबसे डरावनी जगहों में मना गया है।