हमारे देश में हर जगह अलग अलग सम्रदाय और संस्कृति के लोग निवास करते है, यही कारन है की हमें देश के हर एक कोने में कुछ ऐसे स्थान और उनसे जुडी अनोखी कहानिया सुनने को मिलेगी जो की काफी दिलचस्प और रहस्यमयी है। आज हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमयी कहानी के बारे में बताने वाले है जो की बाड़मेर से 30 से 45 किलोमीटर की दूरी पर है जिसका नाम किराडू है। किराडू में एक ऐसा मंदिर है जिसको लोग श्रापित मानते है। ये शहर इतना पिछड़ा हुआ और छोटा है की यहाँ का बड़ा इतिहास होने के बाद भी लोग इसके बारे में न के बराबर जानते है। तो चलिए शुरू करते है इस मंदिर की अनोखी कहानी के बारे में जानना।
किराड़ी मंदिर का निर्माण किसने करवाया?
करीब ग्यारवी शताब्दी के आस पास परमाण वंश के राजा दुष्यंत राजा ने किराडू में 108 मंदिरो का निर्माण करवाया था, जिनमे से केवल 05 मंदिर ही बच पाए और बाकी प्राकर्तिक आपदा और मुगलों के आक्रमण के कारण धवस्त हो गए। इन पांच मंदिरों में से एक है किराडू का श्रापित मंदिर। हम सभी को पता है की भारत में स्थापित सभी प्राचीन मंदिरों से कुछ न कुछ कहानी जुडी ही होती है ऐसी एक कहानी जुडी है किराडू के मंदिर से। किराडू मंदिर के बारे में कहा जाता है की यदि कोई भी व्यक्ति यहाँ रात के समय जाता है तो वो पत्थर में बदल जाता है।
किराडू मंदिर के बारे में फैली कुछ अफवाहे
यहाँ के आम लोगो का कहना है की उन्हें रात के समय मंदिर के आस पास अजीबो गरीब चित्र और आकृति देखने को मिलते है। इसके अलावा रात को वहां से अलग अलग आवाजे आती है। लोगों का यह भी कहना है की रात को मंदिर के पास वाले रस्ते से वो लोग गुजरने में भी डरते है और यदि कोई रात को वहां से चले जाते है तो उनकी किस्मत पर काला साया छा जाता है। कई लोगों का तो कहना है की जो लोग यहाँ से रात के समय गुजरते है तो या तो वो बीमार हो जाते है, या गरीब हो जाते है या फिर किसी बड़ी दुर्घटना का सामना उन्हें करना पड़ता है। क्यों यहाँ सभी घटनाये रात को ही घटती है ? ,क्यों है किराडू का मंदिर श्रापित आइये इसकी कहानी को हम जान लेते है।
किराडू मंदिर के श्रापित होने की कहानी
ये बात बारवी शताब्दी की है जब परमार वंश के राजा सोमेश्वर ने एक महान ऋषि को अपने राज्य में आमंत्रिक किया था ताकि पूजा पाठ, यज्ञ आदि करके वो उनके राज्य की शांति और सुख बनाये रखे। क्युकी राज्य में युद्ध के बाद काफी अशांति थी। तब वो महान ऋषि अपने कुछ शिष्यों के साथ आये और उन्होंने वहां बहुत से यज्ञ हवन और तपस्या की। इन सबके बाद वो ऋषि यहाँ से चले गए जब राज्य में शांति हो गयी लेकिन वो अपने एक शिष्य को राज्य में ही छोड़ गए ताकि निरंतर वो मंदिर में पूजा करते रहे ताकि राज्य में शांति रहे।
पूजा और हवन के बाद सच में राज्य में खुशहाली और तरक्की होने लगी। पर तरक्की और खुशहाली को देख राजा भूल गए की ये सब एक ऋषि के निरंतर पूजा करने से हुआ है और यहाँ तक की उनका एक शिष्य दिन रात मंदिर में पूजा कर रहा है।
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समय बीतता गया और एक दिन बारिश के महीने में ऋषि का वो शिष्य बीमार पड़ गए । उन्होंने पुरे गांव से मदद की गुहार लगायी लेकिन उनकी मदद करने कोई नहीं आया और कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गयी। जब ये बात महा ऋषि और उनके शिष्यों को पता लगी तो वो रात को मंदिर वापस आये तो उन्हें अपने शिष्य का शव मिला। महर्षि बहुत क्रोशित हो गए और उन्होंने राज्य को श्राप दे दिया की कोई भी व्यक्ति इस मंदिर के क्षेत्र के अंदर पैर रखेगा वो पथ्थर का बन जायेगा। अब महर्षि ने रात को श्राप दिया था इसीलिए रात को जो भी सी मंदिर के आस पास आता था वो एक पत्थर में बदल जाता था।
जब उनके शिष्य की मृत्यु हुई उससे पहले एक कुम्हार की पत्नी ने उसकी काफी मदद की थी। जब महर्षि पुरे गांव को श्राप देते है तो वो उस कुम्हार की पत्नी को कहते है की तुम यहाँ इस गांव से चली जाओ नहीं तुम भी पत्थर की बन जाओगी पर पीछे मुड़कर मत देखना। ऐसा सुनकर वो कुम्हारिन जाने लगती है पर उसको उन महर्षि की बात का भरोसा नहीं होता और वो पीछे मुड़ कर देख लेती है जैसे ही वो पीछे मुड़ती है वो पत्थर में बदल जाती है। आज भी उस महिला की पत्थर की शिला उस मंदिर के सामने मौजूद है।
किराडू मंदिर से जुडी अन्य कहानी
ऊपर लिखी कहानी एक आलावा एक और इस मंदिर के बारे में कहानी प्रचलित है वो इस प्रकार है। जब महा ऋषि और उनके शिष्य इस राज्य में आये तो किसी ने उन्हें पंचमुखी भिक्षा दी और कुछ लोगों ने तीन उँगलियों से ही भिक्षा दे दी। जिस कारण महा ऋषि बहुत क्रोधित हो गए और उन्होंने पुरे राज्य को ही श्रापित कर दिया। जिसके हिसाब से पूरा राज्य रात तक पत्थर बन जायेगा। जिन लोगों ने पांचो उँगलियों से भिक्षा दी उनको तो शिष्यों ने बता दिया की शाम होने से पहले ही गांव छोड़ कर चले जाओ लेकिन जो लोग यहाँ रुक गए वो निश्चित ही पत्थर में बदल गए।
इस कहानी का यहाँ निवास करने वाले लोगों पर इतना असर है की इतने सालों के बाद भी यहाँ के लोग शाम के बाद इस मंदिर या उसके आस पास भी जाने की हिम्मत नहीं की। यहाँ की दीवारों पर जो कलाकारी है उस कारण ये मंदिर काफी प्रचलित हो गया और आज यहाँ काफी पर्यटक इसकी सुंदरता देखने आते है। लेकिन यहाँ आने वाले सभी लोगों को ये कहानी जरूर सुनाई जाती है। यहाँ शाम के बाद कोई भी नहीं जाता यदि किसी को जाने के लिए भी बोल दिया जाए तो लोगों की रूह काँप उठती है।
मंदिर की कहानी सच है या झूट ?
इस मंदिर की कहानी को परखने के लिए बहुत से पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स ने इन्वेस्टीगेशन परफॉर्म की। जिसमे से इंडियन पैरानॉर्मल इन्वेस्टीगेशन जो की जय अलनी की जिसमे उन्होंने बहुत सी बाते बताई जो पहले किसी ने नहीं बताई। जय अलनी ने अपनी इन्वेस्टीगेशन में वो सब महसूस किया जो पहले सभी ने कर राखी थी। उन्होंने मंदिर के आस पास कैमरा लगायी और वो रात को यही रुके वो भी अकेले। यहाँ जय अकेले काफी देर रुके लेकिन उन्हें यहाँ कुछ भी महसूस नहीं हुआ।
लेकिन मशीनों पर उन्हें कुछ अजीब आवाजे आयी जो की वीक रेडियो किरणों के कारण हुआ होगा। जय ने अपनी इन्वेस्टीगेशन में बताया की मंदिर की दीवारे इस तरीके से बानी है की उन पर पुरे दिन धुप आती है जिस कारण गरम रहती है लेकिन मंदिर के अंदर का हिस्सा जहाँ धुप नहीं आती वो जगह ठंडी रहती है। यहाँ आने वाले लोग पहले ही अपने रहस्यमयी अनुभव को सोच कर आते है इसीलिए हर छोटी से छोटी चीज़ो को इन्ही कहानियों और भुत प्रेत से जोड़ लेते है। इसीलिए यहाँ के लोगों में जुडी इतिहास की कहानी से जुड़े विशवास के कारण यहाँ लोगों में डर है। इसीलिए मंदिर के बारे में फैली बाते सिर्फ झूठ है जो की शायद मंदिर को बचाये रखने के लिए फैलाया गया है।
तोह ये की किराडू मंदिर की कुछ रहस्यमयी कहानी अगर आपको हमारा ब्लॉग अच्छा लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताये।
FAQ’s-
Q.1- किराडू क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर- किराडू यहाँ पर स्थित एक मंदिर के कारण बहुत प्रसिद्ध है जिसके बारे में बहुत सी रहस्यमयी कहानी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है की कोई भी किराडू मंदिर में सूरज ढलने के बाद रुकता है तो वो पत्थर में बदल जाता है ऐसा उस जगह को एक ऋषि के द्वारा दिए गए श्राप के कारण होता है।
Q.2- किराडू मंदिर कहाँ स्थित है?
उत्तर- किराडू मंदिर बाड़मेर से करीब 30 से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
Q.3- भारत का कोनसा मंदिर श्रापित है?
उत्तर– बाड़मेर के किराडू में स्थित किराडू मंदिर भारत का श्रापित मंदिर है।
Q.4- क्या सच में किराडू मंदिर में कोई रात को रुक जाए तो वो पत्थर बन जाता है?
उत्तर– नहीं, ये सत्य नहीं है ये पुराणी कहानिया है जो वहां के आम लोगों के बीच काफी प्रचलित है इसीलिए काफी लोग वहां रात को जाने से डर जाते है। लेकिन वहां बहुत से पैरानॉर्मल टेस्ट हुए है जिनमे ये साबित हो गया है की ये सिर्फ लोगो का भ्रम है और कुछ नहीं।
Q.5- भारत के किराडू मंदिर की क्या कहानी है?
उत्तर- एक बार के राजा ने अपने राज्य की खुशलता और तरक्की के लिए एक महँ ऋषि और उनके शिष्यों को अपने राज्य में यज्ञ और तपस्या के लिए बुलाया, उन ऋषि और उनके शिष्यों ने खूब हवं और यज्ञ किये जिससे राजा के राज्य में प्रसिद्धि और कुशलता फैलने लगी। थोड़े समय बाद राजा अपने एक शिष्य को राज्य ने छोड़ कर चले गए ताकि वो हवन चालू रहे पर जैसे समय बीता राजा उस शिष्य के बारे में भूल गया और बैश के दौरान एक दिन उस शिष्य की मौत हो गयी। जैसे ही ऋषि को इस बात का पता चला तो उन्होंने क्रोध में आकर श्राप दे दिया की जो भी इस मंदिर के समीप आएगा वो पत्थर का बन जायेगा तब से ये कहानिया पुरे बाड़मेर में प्रसिद्ध है।
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