मकर सक्रांति पर क्या क्या दान करे: जैसा की हम सभी को ज्ञात है की हिन्दू धर्म में मकर सक्रांति का विशेष महत्त्व है। मकर सक्रांति सदैव भारत में 14 जनवरी के दिन ही मनाई जाती है। इस दिन लोग विशेष तौर पर पतंग उड़ाने के साथ साथ दान पर भी विशेष ध्यान देते है। कई लोग गरीबो को दान देते है और हिन्दू संस्कृति के हिसाब से महिलाये 14 चीज़े कलपती है और उन्हें अपने से बड़ो को देती है जिसे भी दान की श्रेणी में ही रखा जाता है। इस प्रकार हर व्यक्ति अपने हिसाब से इस दिन दान करता है। क्या आपने कभी सोचा है की ये दान क्यों किया जाता है? इस दान के पीछे का क्या कारण है ? चलिए जानते है।
मकर सक्रांति के दिन दान क्यों दिया जाता है ?
ऐसा कहा जाता है की इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते है और उनकी दिशा दक्षिण से उत्तर की तरफ हो जाती है। पौराणिक कथाओ की माने तो इस दिन सूर्य देव के दिशा परिवर्तन करने के कारण उनका पृथ्वी से टकराने का भय रहते है और इसी भय के चलते ही प्राचीन काल से ही भारत में दान की प्रथा है। इस दान के जरिये लोग अच्छे कर्म कर भगवान से प्रार्थना करते है की पृथ्वी पर जीवन का नाश न हो और प्रकर्ति यही बनी रहे इसी आशा से गरीबो को और वृद्धो को दान देने की परंपरा भारत में चलती आ रही है।
2025 में मकर सक्रांति कब मनाई जाएगी?
साल 2025 में मकर सक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का सही मुहूर्त सुबह 09 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम को 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
मकर सक्रंति पूजा विधि
ऐसा कहा जाता है की इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है इसलिए हमें इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ जल से स्नान कर लेना चाहिए और स्नान करने के बाद सूर्य देव को अरग देकर ” ॐ सूर्याय नमः ” मंत्र का जाप करना चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते है। इस दिन तिल, गुड़, चावल, कपडे और पैसे आदि ब्राह्मण को दान करने का विशेष महत्त्व होता है इसलिए आप स्नान आदि करके ब्राह्मण को ये दान करके आ सकते है।
फिर महिलाये इस दिन 14 चीज़े कलपती है तो तो विशेष मुहूर्त में उन 14 चीज़ो को आप भगवान की प्रतिमा के सामने रखे , 14 चीज़े में तिल के लड्डू होना अनिवार्य है . इसलिए आप चाहे तो हर चीज़ में सिर्फ एक लड्डू भी रख सकते हैऔर उन पर पहले पानी के छींटे मारे और पानी के छींटे मारने के बाद कुमकुम और चावल के छींटे मार दे। फिर स्वयं के तिलक कर के उन 14 चीज़ो को अपने से बड़ो को दान के रूप में सौप दे।
मकर सक्रांति पर ध्यान देने योग्य बाते
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लेने चाहिए। स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल का अर्पण करे।
- इस दिन गुड़ और तिल का जान जरूर करना चाहिए।
- ऐसा कहा जाता है की इस दिन ब्राह्मण को भी दान अवश्य करना चाहिए।
- ऐसा कहा जाता है की मकर सक्रांति के दिन चावल और उरद की दाल की खिचड़ी बनाकर सूर्य देव को चढ़ाने से मन की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
मकर सक्रांति के दिन क्या करने से बचना चाहिए ?
- इस दिन शराब, मॉस – मच्छी आदि का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए ऐसा करने से सूर्य देव नाराज हो जाते है।
- भोजन करने से पहले स्नान जरूर कर लेना चाहिए।
- यदि घर पर कोई संत, साधु या भिखारी कोई भी कुछ लेने आये तो उसे खाली हाथ बिलकुल ना जाने दे।
- हो सके तो शाम का खाना सूरज ढलने से पहले ही कर ले।
मकर सक्रांति पर 14 ही चीज़े क्यों दान की जाती है?
इस दिन 14 अंक का विशेष महत्त्व होता है और 14 तारीख को सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है इसलिए 14 चीज़ो के दान को विशेष महत्त्व दिया जाता है और यदि आप चाहे तो 14 से ज्यादा चीज़ो का भी दान कर सकती है।
मकर सक्रांति पर कौन कोनसी चीज़े दान करे ?
- यदि आप सक्रांति पर पहली बार कोई चीज़ बाँटने जा रही है तो सबसे पहले आपको नारियल का दान करना चाहिए। पहली बार नारियल का दान शुभ मन जाता है। यदि आपकी नयी नयी शादी हुई है और आप पहली बार दान करने वाले है तो नारियल का ही दान करे। यदि आप नारियल का दान नहीं करना चाहते तो आप पहली बार में सुहाग के सामान के साथ भी दान करना शुरू कर सकते है। सुहाग के सामान में दान करने से सुहाग में बढ़ोतरी होती है। इसमें आप 14 चीज़ो को शामिल कर एक पोटली बना सकते है। जिसमे बिंदी, सिंदूर, काजल, नेलपेंट, लिपस्टिक, कांगा, रबर, मेहँदी, चुडिया, छिटकी, हेयर क्लिप, पर्स, छिटकी, अंगूठी जैसे 14 चीज़ करके 14 पोटली बनाकर दान कर सकते है।
- सक्रंति पर बर्तन बाँटना भी बहुत अच्छा माना जाता है और बर्तन में यदि ताम्बे का बर्तन हो तो और अच्छा रहता है। बर्तनो में आप ताम्बे का लोटा, कटोरी, गिलास, थाली , घंटी या पीतल का लोठा कुछ भी दान कर सकते है। ध्यान रहे की जब भी आप बर्तन दान करे तो आप इसमें कुछ रखकर दान करे जैसे रेवड़ी, तिल के लड्डू जैसी चीज़ रखकर ही दान करे कभी भी खाली बर्तन दान न करे।
- रोजमर्रा के काम आने वाली चीज़े भी आप दान कर सकते है जैसे टिफ़िन, बोतल, बेडशीट, चप्पल, छतरी, टोर्च, पर्स, कलावे, जैसी चीज़े भी दान कर सकते है।
- मकर सक्रांति का त्यौहार सर्दियों में आता है तो आप ठण्ड के मौसम में ऊनि वस्त्रो का दान कर सकते है जो भी बहुत अच्छा रहता है। जिसमे आप कम्बल, शॉल, टोपा, ऊनि कैप, टॉवल, साड़ियां, सूट, स्टॉल, शॉक्स, रुमाल, आसन, लड्डू गोपाल जी की पोशाक, जैसी चीज़े भी आप दान कर सकते है।
- टोर्च, छतरी और चप्पल का दान जरूर एक बार करना चाहिए। इस दान का विशेष महत्त्व रहता है।
- कई लोग मकर सक्रांति से 100 सेरी का दान करना शुरू करते है जिससे परिवार में खुशहाली और तरक्की आती है उसमे आपको सबसे पहले 1 किलो दूध का दान, दही का दान, चावल का दान, 7 तरह की अनाजों का दान, घी, बुरा, बताशे, फल, तेल, आलू, शकरकंदी, कुट्टू के आटे, जलेबी, खीर, नारियल की बर्फी, पेठे का दान, गजक, कुरब्बे, राई, जो, भीगे हुए गेहू, पीले चावल, पूड़ियों, उन, चन्दन, जपने वाली मालाये, आसन, कम्बल, साड़ी, गीता, घंटी, शंख, बर्तनो का दान, जनेऊ , कलावे, कुमकुम, छतरी, चूड़ियों, खिलोने, मालपुए, छुवारे, मिटटी का घड़ा जल से भरा हुआ, चारपाई, मैदा की मठरी, रेजगारी का दान, काले तिल का दान, मेहँदी, अनार के दाने, ताम्बे के लौठे, घोड़े की नाल, नमक, झाड़ुओं, धोती, मसाले, खिचड़ी आदि चीज़ो का दान कर सकते है। पर ध्यान रहे इन सबका वजन 1 किलो से ज्यादा होना चाहिए।
जब भी आप सक्रांत पर दान कर रहे है तो ध्यान रहे की जिन को जरुरत है उनको पहले दान करे। जरुरतमंदो को दान करने से वो उसका उपयोग करेंगे और जिनको जरुरत नहीं है उनको दान देने से कोई फायदा नहीं है इसीलिए गरीब लोगो को दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़े:- कुलधरा एक भूतीया गाँव, 200 साल से वीरान पड़ा है एक राजस्थान का एक गांव