Home Remedies for Wart Treatments in hindi:-आजकल ये देखा गया है की हर दूसरे व्यक्ति के शरीर पर या फिर चेहरे पर मस्से देखने को मिल जाती है। मस्से एक मटर के दाने जैसे चमड़ी के बढ़ जाने से होते है। मस्से ह्यूमन पप्पीलोमा वायरस के कारन होते है। आपको जानकर हैरानी होगी की ये मस्से एक इंसान से दूसरे इंसान में फ़ैल सकता है क्युकी ये एक तरह का वाइरस होता है। ये मस्से छूने से नहीं फैलते लेकिन यदि मस्से से पानी या खून निकल रहा हो तो उस समय यदि वाइरस शरीर में आ जाये तो उससे भी मस्से आपके शरीर में मास्सा हो सकता है। ह्यूमन पपीलोना वायरस स्किन तो स्किन होता है यानी की ये स्किन पर ही रहता है ब्लड में नहीं जाता। मस्से के बारे में इसके इलाज को जानने से पहले हमें जानना होगा की ये कितने प्रकार के होते है और कैसे होते है।
मस्से कितने प्रकार के होते है-
- प्लैन मस्सा- ये आमतौर पर गर्दन पर, माथे पर या हाथ पैरो पर होता है जो की एचपीवी के संक्रमण से पैदा होता है।
- कॉलीफ्लॉवर मस्सा- ये उभरे हुए मस्से होते है जिनको कोंडायलोमिटा भी कहा जाता है इनसे बहुत ज्यादा संक्रमण होता है। ये ज्यादा जननांगों में होते है और लैंगिक सम्बन्धो के दौरान ही फैलते है। ये मस्से भी एचपीवी वायरस के कारण ही होते है।
- फिलिफोर्न मस्सा- ये मस्से ब्रश के आकर के होते है जो की आखों पर नजर आते है।
- ह्य्पेर्ट्रोफी मस्से- ये मस्से फ्लैट के साथ साथ अंदर से उभरे हुए होते है जो की पेरो के तलवे पर देखे जाते है। इनसे पेरो में दर्द होता है।
मस्से क्या घोड़े के बाल से, जलाकर या किसी चीज़ से काटकर हटाए जा सकते है?
ध्यान रहे की मस्से पर किसी भी चीज़ से घाव नहीं करना चाहिए या उसमे चोट नहीं लगनी चाहिए क्युकी इससे वायरस फैलने का खतरा रहता है। ये सब करने से एक बार तो मस्सा सही हो जायेगा लेकिन उसके बाद उसी जगह बहुत से मस्से होने की सम्भावना रहती है। यही नहीं उस मस्से के स्थान पर हमेशा वो घाव रह जाता है। इसीलिए चिकित्सक के परामर्श से ही मस्से को सही करने का सोचे। होमएपथिक दवाइया मस्से के लिए बहुत अच्छे रहते है।
क्या मस्से फ़ैल जाते है?
एक अलग तरह का वायरस होता है जो की बच्चों में इस तरह के मस्से देखे जाते है जिनमे पानी भरा होता है। ये फुंसी की तरह लगते है लेकिन होते मस्से है उस स्थिति में जब ये मस्से फूट जाते है तो उसका पानी जिस जिस जगह लगेगा वहां मस्से होने की सम्भावना रहती है।
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मस्से देते है विभिन्न बीमारी के संकेत
मस्से अलग अलग तरीके के होते है लेकिन जिस जगह पर ये होते है वो शरीर की अन्य बिमारियों को भी दर्शाते है। जिन लोगो के गर्दन पर और बगलो में मस्से होते है और ये काफी समय से ये ठीक नहीं हो रहे तो ये पेट के मेटाबोलिज्म में किसी खराबी को दर्शाता है जो आजकल एडल्ट्स में ज्यादा देखने को मिलते है। मेटाबोलिज्म के आलावा, जल्दी डाइबिटीज़ होने, थाइरोइड होने, लिवर ख़राब होने जैसी बिमारियों के भी संकेत देता है। आखो पर यदि आपके मस्से हो रहे है और जल्दी ठीक नहीं हो रहे तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की निशानी होती है।
होम्योपैथी में मस्से के इलाज के लिए कितनी दवाइया उपलब्ध है?
होमियोपैथी में करीब 150 से 200 तरह की दवाइया मस्से के लिए उपलब्ध है। अब ये सभी दवाइया मस्से के प्रकार और जगह पर निर्भर करके दी जाती है। इसीलिए चिकित्सक के परामर्श के द्वारा की किस मस्से को कोनसी दवाई दी जानी चाहिए उसके बाद ही ले।
थूजा का उपयोग ( मस्से की दवाई)
थूजा एक होमियोपैथिक दवाई है जिसका उपयोग कर आप नार्मल मस्से को बिना डॉक्टर के जाए सही कर सकते है। थूजा आपको किसी भी होमियोपैथिक दवाई की दूकान पर मिल जाएगी। थूका को एक कॉटन बॉल पर लेकर आपको मस्से वाली जगह पर लगाना है लेकिन ध्यान रहे किसी भी सेंसिटिव एरिया में जैसे आपको में और कांख में इसको अप्लाई न करे। इसको अप्लाई करके देख सकते है यदि वो सही हो जाता है तो ठीक है नहीं आप डॉक्टर से परामर्श करके ही अप्लाई करे।
लेकिन मस्से के प्रकार को जानने के लिए बिना चिकित्सक के सलाह के कोई दवाई ना ले। अगर आपको हमारा ब्लॉग इन्फोर्मटिव लगा तो कमेंट करके जरूर बताये।
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