यहाँ पर आप सभी को बतायगे की हनुमान जी की पूजा मंगलवार को क्यू की जाती है और साथ ही आपको जाने को मिलेगा की हनुमान चालीसा हमारे लिए रोज पढ़ना क्यू जरुरी है । क्या है इसके पीछे की वजह।
मंगलवार का दिन श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी का माना जाता है और बजरंगबली को भगवान भोलेनाथ का 11 अवतार माना गया है। और अगर आपकी कुंडली में शनि या राहु केतू का दोष है तोह मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से छुटकारा मिल सकता है।
हनुमान जी की पूजा मंगलवार को ही क्यूं की जाती है? [Why Hanuman ji Worshiped on Tuesdays?]
कथा- प्रभु श्रीराम की युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को सीता जी को ये खुशखबरी देने के लिए कहा। ये सुनकर सीता जी ने हनुमान जी को संदेश लाने के लिए आशीर्वाद दिया। उन्होने इस शुभ दिन को मंगलवार घोषित किया। जब हनुमान जी की पूजा की जाएगी, हालांकि हनुमान जी कभी भी अपने लिए पूजा स्वीकार नहीं करते और इसे प्रभु श्रीराम को समर्पित करते है।
अभी हाल ही में हनुमान जन्मोत्सव गया है। हनुमान जी को एक चिंरजीवी कहा जाता है। हनुमान जी अपने भक्तो की मदद के लिए तुरंत आते है। हनुमान जी हिन्दु धर्म में बहुत पूजे जाते है। उन्हे उनकी राम की भक्ती और उनकी शक्ति के लिए जाना जाता है। हनुमान जी का जन्मोत्सव हर साल मनाया जाता है।
मंगलवार का महत्व
मंगलवार को भगवान राम का जन्म, मंगलवाल को भगवती सीता माता का जन्म, मंगलवार को हनुमान जी का जन्म, मंगलवार को रामचरितमानस का जन्म और मंगलवार को सीता राम जी का विवाह हुआ था। इसलिए मंगलवार का सम्बन्ध हनुमान जी से है और इसी दिन हमें हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए ।
हनुमान चालीसा की रचना कैसे हुई?
ये घटना मुगल सम्राट अकबर के राज की है। एक सुबह एक महिला पूजा से लौट रही थी और उसने तुलसी दास जी के चरणों में प्रणाम किया। तुलसीदास ने उससे बड़ी खुशी से आर्शीवाद दिया। जैसे ही उसने आर्शीवाद पाया वह जोर से रोने लगीरोते हुए बोली मेरे पति अभी हाल ही में गुजर गए है और आप प्रभु श्रीराम जी के महान भक्त है, कृपया उन्हे जीवित कर दीजिए।
तुलसीदास जी ये सब जानकर जरा भी परेशान नहीं हुएउन्हे अपने आर्शीवाद पर पूजा विश्वास था क्यूंकि उन्हे अच्छी तरह से पता था कि प्रभु श्रीराम बुराईयों का नाश करेंगें और उनका आर्शीवाद व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने वहां मौजूद सभी लोगों से महिला समेत प्रभु श्रीराम का नाम जपने को कहासबने वहीं किया और राम नाम का जाप सुनते ही वो व्यक्ति वापिस जिन्दा हो गया।
जब सम्राट अकबर को इस बारे में सुनने को मिला तो उन्होंने तुलसी दास जी को अपने महल में बुलाया और सबके सामने कुछ चमत्कार करने के लिए कहा। ये सब सुनकर तुलसी दास जी ने बिना किसी डर के अकबर से कहा वो कोई चमत्कारी संत नहीं हैसिर्फ प्रभु श्रीराम के भक्त है। अकबर यह सुनकर गुस्सा हो गया। और उसने तुरंत अपने सैनिकों को तुलसीदास जी को लोहे ही जंजीरों में बांधने को कह दिया।
तुलसी दास जी बिना कुछ कहे श्रीराम का नाम जपते हुए जेल में चले गए। उन्होंने जेल में भी अपना विश्वास बनायें रखा और वहां हनुमान चालीसा की रचना की। उस हनुमान चालीसा का उन्होंने 40 दिन तक पाठ किया। 40 वे दिन एक चमत्कार हुआअकबर के महल पर एक हि वक्त पर हजारों बंदरों का आक्रमण हुआ। सभी लोग यह देखकर हैरान रह गए। अकबर एक समझदार और चालाक शासक था उसे जल्द ही सारी बात समझ में आ गई। इसी पल उसने तुलसीदास जी को रिहा कर दिया और सम्मान के साथ भेज दिया।
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे :
- हनुमान चालीसा पढने के अनेक फायदे है, इसके उच्चारण से व्यक्ति में शक्ति, हिम्मत और भक्ति की वृद्धि होती है वह अपनी नकारात्मक उर्जा से सुरक्षित रहता है। मन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
- व्यक्ति चितां और पेरशानी से मुक्त रहता है।
- हनुमान जी को संकट मोचन माना जाता है, हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकटों का नाश होता है, सामाजिक सुरक्षा मिलती है और व्यक्ति का काम सफल होता है ।
- हनुमान चालीस व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार लाता है और रोगों से मुक्त रखता है।
- व्यक्ति के बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है जिससे व्यक्ति सही फैसले ले सकता है। हनुमान चालीसा की चौपाईयां हमें याद दिलाती है हमें बुद्धि और विवेक की बढ़ोतरी के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- जब भी जीवन में कोई कठिनाई आए तो हनुमान जी का स्मरण करने से हमे बुद्धि और हिम्मत मिलती है ताकि हम अपने रास्ते में आने वाली रूकावटों को पार कर सकें।
क्या बजरंग बाण रोज नहीं पढ़ना चाहिए?
बहुत सी जगह आपको बजरंग बाण के बारे में पढने को मिलेंगा की इसे नहीं पढ़ना चाहिए। अगर आप इसे पढेंगें तो नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगेंबजरंग बाण तांत्रिक स्वभाव का है क्यूंकि यह बीज मंत्र का उपयोग करता हैइसे उच्चारण करते वक्त हनुमान जी को प्रभु श्रीराम की कसम दी जाती है
सच्चाई ये है कि ये सब सुनी-सुनाई बातें है इस बार का कोई लिखित प्रमाण नहीं है। जब तुलसी दास जी ने स्वयं बजरंग बाण लिखा था तो उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि कुछ लोग उनकी बात को नकार देंगें और बजरंग बाण पढ़ने से रोंकेंगे
बजरंग बाण पढने के फायदे
बजरंग बाण शुरू होता है- निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करै सनमान,
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करे हनुमान।
जो भी बजरंग बाण को पूरे विश्वास और प्रेम के साथ पढ़ता है उनका सब काम हनुमान जी के आर्शीवाद से सफल हो जाता है। इसलिए सबसे जरूरी है पूरा विश्वास और प्रेम।
बजरंग बाण खत्म होता है- उर प्रतीति दृढ़, सरन होव, पाठ करै धरि ध्यान बाधा सब हर, करें सब काम सफल हनुमान।
जो लोग हनुमान जी पवित्र नाम विश्वास, भक्ति और प्रेम के साथ जपते है और हमेशा अपने दिल में उन्हें याद रखते है उनकी सारी इच्छाएं हनुमान जी द्वारा पूरी हो जाती है।
जो लोग बजरंग बाण का पाठ करते है हनुमान जी उनकी जिंदगी भर रक्षा करते है। बजरंग बाण को नियमित रूप से पढने से पहले उसका मतलब पूरी तरह से समझना बहुत जरूरी हैयदि बजरंग बाण का कोई नकारात्मक प्रभाव होता तो क्या तुलसी दास जी उसकी रचना करते।
आपको बता दे की हनुमान चालीसा 40 श्लोकों का पाठ है जो हनुमान जी के गुणों और उनकी प्रभु श्रीराम के प्रति भक्ति का गुणगान करता है। भक्तों का यह मानना है कि हनुमान चालीसा का उच्चारण करने से हिम्मत, शक्ति और बुराईयों से सुरक्षा मिलती है।
आपके विचार कमेंट करके जरूर बताए।
ये भी पढ़े:
वाराणसी में घूमने के लिए 20 जगह, वाराणसी से जुडी दिलचस्प बाते।