Bhangarh Fort: Most Haunted Place in India in Hindi:- ये भारत का सबसे पुराना और सबसे भूतिया किला मनाता जाता है जो की करीब 500 साल पुराना है। यहाँ पर लोग रात को तो क्या दिन में जाने से भी कतराते है। इस किले के बारे मेक अहन जाता है की जो व्यक्ति यहाँ रात को चला जाता है वो फिर कभी वापस नहीं आता है इसीलिए सरकार ने भी रात के समय में इस किले पर जाने पर रोक लगा राखी है। भहारतीय पुरातत्व विभाग ने यहाँ पर दर की वजह से यहाँ उनका ऑफिस भी नहीं है। तो आज हम इसके इतिहास के बारे में आपको बताने वाले है की इसको इतना भूतिया माने जाने का कारण क्या है?
भानगढ़ का इतिहास [Bhangarh Fort History]
इस किले का निर्माण आमेर के राजा भगवान् दास ने सं 1573 में अपने छोटे बेटे माधव सिंह जी के लिए करवाया था। उस समय ये किला पूरी तरह से खुशहाल और खूबसूरत था, यहाँ तक की इस किले के चारो तरफ लोगो की बहुत आबादी रहा करती थी। लेकिन एक दिन इस महल को नजर लग गयी और यहाँ की खुशियां हमेशा के लिए ख़तम हो गयी और ये किला एक खुशहाल महल से बंजर जमीन में और भूतिया जगह में बदल गया। इसलिए लोग इसे छोड़ छोड़ कर जाने लगे और ये जगह पूरी तरह से वीरान हो गयी। यहाँ तक की ये किला आज भी यही वीरान पड़ा है जो की देखने में ही डरावना नजर आता है।
लोगो का कहना है की किले से लोगो के चीखने, चिल्लाने, रोने और घुंघरू की आवाजे आती है। साथ ही लोग ये भी कहते है की जो भी यहाँ रात को गया वो फिर नहीं आया। यही वजह है की यहाँ पर दिन में भी बहुत काम लोग यहाँ आते है और रात के समय गार्ड और पुलिस रात को यहाँ किसी को जाने नहीं देते। आखिर इस किले के साथ ऐसा क्या हुआ की किला बंजर हो गया।
Bhangarh Fort से जुडी कहानियाँ
इस किले के श्रापित होने के पीछे लोग बहुत सी अलग अलग कहानियाँ बताई जाती है की किले के भूतिया होने के पीछे ये कारण है पर इसमें सबसे ज्यादा प्रचलित एक कहानी है जिस पर सभी लोग भरोसा करते है। वो है राजकुमारी रत्नावती की कहानी। तो चलिए हम भी इस कहानी के बारे में जान लेते है की कहानी क्या है।
रानी रत्नावती की कहानी
ये बात तब की है जब रानी रत्नावती 18 वर्ष की थी जब इस भानगढ़ किले का निर्माण हुआ। रानी रत्नावती बेहद खूबसूरत थी उनकी सुंदरता के कारण ही बहुत से अलग अलग सियासतों के राजा उनसे शादी करने की इच्छा रखते थे। जिसके चलते उनके लिए आये दिन शादी के प्रस्ताव आते रहते थे लेकिन राजकुमारी ने किसी के भी प्रस्ताव में हामी नहीं भरी। एक बार रानी पद्मावती अपनी सहेलियों के साथ बाजार गयी थी वहां उन्होंने एक इत्र की दूकान से इत्र खरीदने लगी। इतने में ही उस दूकान के पास खड़े एक तांत्रिक की नजर उस राजकुमारी पर पड़ी। वो तांत्रिक उसी राज्य का रहने वाला था जिसे काले जादू का महारथी मन जाता था। वो तांत्रिक रानी की सुंदरता को देखते ही उनपर पूरी तरह से फ़िदा हो गया। और उसी समय उसने मन में ठान लिया की की वो राजकुमारी को किसी भी कीमत पर हासिल करके रहेगा।
तांत्रिक कला जादू जानता था इसीलिए उसने राजकुमारी के पसंद की हुई इत्र की बोतलों में से एक बोतल उठायी और उस इत्र की बोतल पर तंत्र मंत्र करके उसे वापस रख दिया। असल में वो काले जादू से राजकुमारी को काबू में करना चाहता था। राजकुमारी इत्र लेकर अपनी किले की और जाने लगी तांत्रिक भी राजकुमारी का पीछा करने लगा। तभी राजकुमारी की सहेली ने उन्हें बताया की उनकी इत्र की शीशी के साथ
किसी ने कुछ तंत्र विद्या की है क्युकी राजकुमारी की सहेली ने तांत्रिक को ऐसा करते देख लिया था लेकिन वो दर के कारण वहां कुछ नहीं कह पायी। जैसे राजकुमारी को काले जादू के बारे में पता चला तो उन्होंने उस इत्र की शीशी को एक पत्थर पर जोर से पटक दिया, जैसे ही उन्होंने उस शीशी को पथ्थर पर फेका उस इत्र का काल जादू उस पथ्थर पर आ गया। वो पत्थर उस तांत्रिक की तरफ बढ़ने लगा। असल में उस तांत्रिक ने इत्र पर ऐसा जादू किया था की जो भी उसे लगता वो अपने आप उस तांत्रिक की तरफ आकर्षित होने लगता चुकी वो इत्र पत्थर पर गिर गया था तो वो तांत्रिक की तरफ बढ़ने लगा और उसने तांत्रिक को कुचल दिया जिससे उस तांत्रिक की मौत हो गयी।
लेकिन मरने से पहले उस तांत्रिक ने किले को और किले में रहने वाले लोगो को श्राप दे दिया इस किले में रहने वाले लोगो की दर्दनाक मौत होगी और उनकी आत्माये उनकी हमेशा के लिए इस किले में भटकती रहेगी। इस हादसे के कुछ समय के बाद ही अजबगढ़ और भानगढ़ के बीच युद्ध छिड़ गया और अजबगढ़ की सेना काफी शक्तिशाली थी इसके चलते अजबगढ़ के सिपाही भानगढ़ के किले में घुस गए और किले में मौजूद पुरुष, महिला और यहाँ तक के बच्चो को भी मौत के घात उतार दिया जिसमे रानी रत्नावती भी शामिल है। उसके बाद उन सभी लोगो की आत्माये वही भटकती रही। वहां के लोग ऐसा महसूस करते थे की उस किले से अजीब आवाजे आ रही है और लोग गायब हो रहे है। इसीलिए वहां रहने वाले लोग वहां से दूर दूर जाने लग और धीरे धीरे ये किला और उसके आस पास का इलाका पूरी तरह से खली हो गया।
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बाबा बालकनाथ की कहानी
जिस समय ये किला बनाया जा रहा था तब इस किले के पास ही बाबा बालकनाथ नाम के एक साधु निवास करते थे जो वहां तपस्या करते थे। जब बाबा को पता चला यहाँ किला बन रहा है तो उन्होंने राजा भगवानदास के पास सन्देश भिजवाया की “वो अपने किले को ज्यादा ऊंचा न बनवाये की उसकी परछाई मेरी कुटिया तक पहुंचे।” राजा भगवान् दास ने उस बाबा को गंभीरता से नहीं लिया और किला बना लिया। जब किला बनकर तैयार हुआ तो उसकी परछाई बाबा बालकनाथ की कुटिया तक पहुंच गयी। उस परछाई को देखकर बाबा क्रोधित हो गए और उन्होंने श्राप दे दिया की भानगढ़ पूरी तरह से तबाह हो जायेगा। बहुत से लोग यही मानते है की भानगढ़ की आज जो हालत है वो बाबा बालकनाथ के श्राप के कारण ही है।
भानगढ़ से जुडी कुछ अन्य कहानियाँ
भानगढ़ में एक युद्ध हुआ था जिसमे भानगढ़ के राजा और सिपाही बुरी तरह से हार गए थे लेकिन भानगढ़ के राजा और उनके परिवार के दूसरे लोग अपनी जान बचाकर वहां से भागने में कामियाब हो गए। लेकिन उन लोगो ने किले में अपना काफी खजाना छिपाया हुआ था इसीलिए दुश्मनो से खजाने को बचाने के लिए एक झूठ फैलाया गया की ये किला पूरी तरह श्रापित है और यदि कोई इस किले जायेगा तो उसकी तुरंत ही मौत हो जाएगी और इस तरह से खजाने को बचाने के लिए फैलाई गयी ये अफवाह लोगो ने सच मान ली और भानगढ़ का ये किला हमेशा के लिए भूतिया समझा जाने लगा।
भानगढ़ किले के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- भानगढ़ किले को 300 सालों से एशिया का सबसे खतरनाक भूतिया किला मन गया है जहाँ भारत के पुरातत्व विभाग ने भी शाम को 6 बाजे बाद जाने से रोक लगा दी है।
- यदि कोई रात के अँधेरे में वहां चला जाता है तो कहा जाता है की वो वापस नहीं आता।
- वहां के लोगो ने महसूस किया है की यदि कोई व्यक्ति वहां मिठाई ले जाता है तो वो मिठाई उन्हें खायी हुई टूटी फूटी मिलती है।
- शाम को 6 बाजे बाद किले से किसी के चीखने, चिल्लाने और रोने की आवाजे आती है।
- रात को भूतिया गतिविधिया होने वाले ये किला दिन में पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- इस किले के बहार एक भंगरी मंदिर स्थित है जो की राजस्थान की संस्कृति को दर्शाता है।
FAQ’s-
ये कुछ प्रश्न है जो Bhangarh Fort: Most Haunted Place in India in Hindi के बारे में आपको और अच्छे से जाने को मिले।
Q.1- भानगढ़ के पीछे असली कहानी क्या है?
उत्तर- भानगढ़ का किला अलवर जिले में स्थित है जो की 1573 में राजा भगवान् दास जी ने करवाया था। उसके बाद वहां एक खूबसूरत राजकुमारी जिनका नाम रानी रत्नावती था उनकी सुंदरता को देखकर उनके पीछे एक तांत्रिक पड़ गया था। उस तांत्रिक ने काले जादू से रानी रत्नावती को पाने की खूब कोशिश की लेकिन वो रानी को पा नहीं सका तो उसने रानी और किले को श्राप दे दिया और उसी श्राप के चलते रानी की मौत हो गयी और महल के सभी लोग धीरे धीरे मर गए। रानी के मरने के बाद कहाँ जाता है की उनकी आत्मा को शांति नहीं मिली और उनकी आत्मा भटकने लगी महल से आवाजे आती जिससे डरकर वहां आस पास निवास करने वाले लोग दूर दूर जाकर बसने लगे और वो महल एक दम वीरान पड़ गया।
Q.2- सबसे डरावना किला कोनसा है?
उत्तर- सबसे डरावना किला भानगढ़ का किला है जो की अलवर में स्थित है जिसका निर्माण भगवानदास ने अपनी पुत्री रानी रत्नावती के लिए करवाया था।
Q.3- रानी रत्नावती की मौत कैसे हुई थी?
उत्तर- भानगढ़ का एक तांत्रिक उनकी सुंदरता से काफी ज्यादा मोहित होकर उन्हें वश में करना चाहता था और उसी तांत्रिक विद्या के चलते उस तांत्रिक ने रानी के इत्र में काला जादू कर दिया जैसे ही रानी को काळा जादू के बारे में पता चला तो रानी इत्र की शीशी को फेक दिया जिससे तांत्रिक की मौत हो गयी लेकिन मरने से पहले उस तांत्रिक ने रानी को और भानगढ़ को श्राप दे दिया उसी श्राप के चलते रत्नावती की मौत हो गयी।
Q.4- भानगढ़ की महारानी कौन थी?
उत्तर- रानी रत्नावती भानगढ़ की महारानी थी।
Q.5- रानी रत्नावती किसकी बेटी थी?
उत्तर- रानी रत्नावती महाराजा महारावल रतन सिंह की बेटी थी।
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