भोपाल में घूमने की सोच रहे है और आपको समझ नहीं आ रहा है की कहा जाये, तोह चलिए जानते है की भोपाल में घूमने की जगह के बारे में और इन प्रसीद जगहों को अपनी ट्रिप में जरूर शामिल करे।
भोपाल, मध्यप्रदेश की राजधानी है और झीलों की नगरी भी कहा जाता है जैसे की बेहतरीन स्मारक, पर्यटक स्थल, खूबसूरत जगह, शहीद भवन से लेके नॅशनल पार्क भी है जहा आपको जरूर जाना चाहिए। भोपाल में घूमने की जगह और खाने पीने की जगह की कोई कमी नहीं है। अगर आप सुबह सुबह भोपाल पहुंच रहे है तो सबसे पहले आप भोपाल के बड़े तालाब में जरूर जाये, और साँची स्तूप, भीमबेटका गुफा, मुसुईम से लेके और भी बहुत कुछ है। तोह चलिए पड़ते है भोपाल में प्रसीद जगह कोनसी है घूमने की।
भोपाल में घूमने की बेस्ट जगह: जरूर जाये
भोपाल झीलों की नगरी और मध्यप्रदेश की राजधानी में बहुत से ऐसे स्थान है जो प्रयटकों को बहुत ही ज़्यदा आकर्षित करते है। तोह चलिए भोपाल में घूमने की जगह के बारे में बात करते है।
1. भोजताल
भोजताल, भोपाल में सबसे बड़ा तालाब है ये भारत की राजा भोज द्वारा निर्मित ऐसे पहली झील है और इसके आस पास बहुत हे बड़ा गार्डन है और उस गार्डन का नाम कमला पार्क है। इसे बड़े तालाब के नाम से भी जाना जाता है। सुबह के समय भोजताल या बड़ा तालाब में बहुत से लोग आते है घूमने और लोगो को बहुत ही अच्छा लगता है वाह पर घूमना।

2. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान
भोपाल में आप जाके जंगल के जानवर और वाह की हरी भरी वादियों का मज़ा लेना चाहते है तो आपको भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में जरूर जाना चाहिए। यहाँ पर जाके आपको बहुत जानवरो को देखने को मिल सकते है जैसे की शेर, नील गाए, जंगली सूअर, लकड़बग, और भी बहुत से जानवर देखने को मिल सकते है। वैसे तो आप यहाँ सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक आ सकते है पर सिर्फ मंगलवार के ही दिन ये बंद भी रहता है।

3. साँची स्तूप
साँची स्तूप, महाराज सम्राट अशोक के शाशनकाल में बनाई गयी और तक उसकी भव्यता बेजोड़ है। तीसरी शताब्दी में बानी ये स्मारक सबसे उल्लेखनीय बौद्ध स्मारकों में से एक है। भारत देश में ऐसे बहुत से स्तूप है जिनकी भव्यता आज तक युही बेक़रार है। ये भारत की पुराने पथरो से बानी संरचनाए में से एक है। साँची के स्तूप में बुद्ध की दैनिक जीवन शैली को जोड़ कर दिखाया गया है। वैसे तो भोपाल से 46 किलोमीटर दूर है और सुबह 8:30 बजे से 5.30 बजे तक देखा जा सकता है। हिन्दुस्तानियो के लिए 10 रुपए का टिकट है और विदेशियों के लिए 250 रुपए की टिकट है।

4. भीमबेटका ग़ुफाये
भीमबेटका ग़ुफाये भारत के मध्यप्रदेश भोपाल में स्थित है जो की बहुत ही ज्यादा फेमस है घूमने की। ये गुफाये आदिमानव द्वारा बनाई गयी शैलीशेत्र और शेलिचित्रो के लिए बहुत ही प्रसीद है। ऐसा माना जाता है की गुफा स्थित सभी सम्बंदित महाभारत के चरित्र भीम से है और ये गुफाये 30,000 साल से पुरानी है और भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्तिथ है। भीमबेटका ग़ुफा भोपाल में घूमने की सबसे अछि जगह मानी जाती है और ये सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक ही घूमी जा सकती है। यह पर घूमने के लिए 10 रुपए की फीस लगती है और विदेशिओ के लिए 100 रुपए की है।
5. भोपाल का शौकत महल
इसका पूरा नाम अल- अमान- शौकत- महल है जो की सिकंदर बेगम के शासन काल में बनवायी गयी थी। ऐसा कहा जाता है की पुराने समय में इस महल की छत काफी ज्यादा प्रसिद्ध थी । यहाँ एक सदर मंजिल नाम से दूसरा हिस्सा है। इस महल को कभी भी देखा जा सकता है।
6. अप्पर लेक
ये लेक भोपाल की सबसे खूबसूरत लेक में शामिल है चुकी भोपाल को झीलों की नगरी कहा जाता है तो वैसे तो आपको यहाँ बहुत सी झीलें देखने को मिल जाएगी पर इस झील को लोग ज्यादा पसंद करते है। इस लेक को लोग बड़े तालाब के नाम से भी जानते है। इस लेक का निर्माण राजा भोज ने ग्यारवी शताब्दी में लोगो की सहायता से करवाया था इसलिए इसे मानव निर्मित लेक भी कहा जाता है।
ये लेक रानी कमलावती महल के बिलकुल सामने ही स्थित है। यहाँ पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की झीलों के कारण ही भोपाल को सिटी ऑफ़ लेक ही कहा जाता है। ये लेक इतना बड़ा है की आपको एक छोर से खड़े होने पर आपको लेक का दूसरा हिस्सा दिखाई ही नहीं देगा और सिर्फ पानी ही आपको नजर आएगा। यहाँ पर आप पैड़ल बोटिंग भी कर सकते है। यहाँ आप अपनी खूबसूरत शाम शांति से बैठकर खूबसूरत मोनुमेंट्स को देखकर आसानी से बिता सकते है।
वैसे तो यहाँ कभी भी आया जा सकता है लेकिन आप यहाँ सुबह के 6 बजे से शाम के 7 बजे तक आये तो आपको ज्यादा आनंद की अनुभूति होगी। साथ ही यहाँ किसी तरह की कोई फीस नहीं लगती तो आप आराम से एन्जॉय करने यहाँ आ सकते है।
7. मोती मस्जिद
इस जगह का निर्माण 1862 में सिकंदर जहाँ बेगम द्वारा कराया गया था। सिकंदर जहाँ बेगम ने यहाँ पर नौकरशाही पर रोक लगायी थी और यहाँ बहुत सी ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया। यहाँ बहुत से पर्यटक घूमने आते है क्युकी ये शहर के बीचो बीच स्थित है।
अगर आप मोती मस्जिद को देखने जायेंगे तो आपको प्रतीत होगा की ये जमा मस्जिद का छोटा रूप ही है जो की सफ़ेद संगमरमर और लाल पथ्थर से मिलकर बना है। ये भोपाल में स्थापित मस्जिदों में सबसे खूबसूरत मस्जिद है जिसे आप सुबह के 7 बजे से शाम के 7 बजे तक देखने जा सकते है।
8. लोअर लेक
इस लेक को लोग छोटा तालाब के नाम से भी जानते है। अगर लोअर लेक और अप्पर लेक को मिला दिया जाए तो ये भोपाल के सबसे बड़े तालाब में परिवर्तित हो जायेंगे लेकिन इन दोनों लेक को एक पल अलग करता है जिसका नाम है पुक्ता पुल। जब ये दोनों झीले एक थी तब इन्हे भोज वेटलैंड कहा जाता था जिसे अब रामसर कहा जाता है।
ग्यारवी शताब्दी के आस पास लोअर लेक का उपयोग भोपाल और भोपाल के आस पास के क्षेत्रों में पानी का एक मात्र स्त्रोत था। इस झील का निर्माण 1794 में छोटा खान द्वारा बनवाया गया था। यहाँ आने का समय सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक का है।
9. बिरला मंदिर
बिरला मंदिर से आप पुरे भोपाल को ऊपर से देख सकते है। इसके आलावा मंदिर में आपको माता लक्ष्मी और नारायण भगवन की प्रतिमा देखने को मिलेगी। यहाँ पर लोग विशेष रूप से लक्ष्मी जी की पूजा करने आते है। ये मंदिर करीब सादे सात एकड़ की जमीन पर फैला है। इस मंदिर का निर्माण बिरला ग्रुप के द्वारा करवाया गया है। ये मंदिर इतना पुराना है की इसका उद्घाटन खुद महात्मा गाँधी जी द्वारा किया गया है।
यहाँ पहुंचने पर आपको मंदिर के आलावा एक संग्राहलय देखने को मिलेगा जहाँ आपको सातवीं शताब्दी की अद्भुत चीज़े देखने को मिलेगी। मंदिर में जाने का समय सुबह 9 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम के 7 बजे तक का है।
10. गोहर महल
इस महल का निर्माण 1820 में गोहर बैगन द्वारा करवाया गया था जो की भोपाल की पहली महिला शासक थी जिसने भोपाल पर शासन किया था। उन्ही के नाम पर इसका नाम गोहर महल रखा गया। ये महल अप्पर लेक के बिलकुल पास है। यहाँ पर यदि आप जायेंगे तो इसकी वास्तुकला देखकर आप हैरान रह जायेंगे क्युकी यहाँ इंडो- इस्लामिक- वास्तुकला देखने को मिलेगी। महल में आपको दरबार – ए- आम, फाउंटेन, पुरानी तस्वीरें, अप्पर लेक का खूबसूरत नजारा आपको देखने को मिलेगा।
यहाँ आये दिन किसी न किसी त्यौहार का आयोजन किया जाता है जिसमे शामिल होने लोग बहार से भी आते है। आप यहाँ सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 6 बजकर 30 मिनट तक जा सकते है, जिसकी कोई एंट्री फीस नहीं है।
11. इंदिरा गाँधी राष्ट्रिय मानव संग्राहलय
भोपाल के श्यामलाल हिल में स्थित इस जगह पर आपको मानवता के निर्माण की थ्योरी आपको प्रतिमाओं के जरिये दिखाई गयी है। इसके आलावा आपको यहाँ वो सब देखने को मिलेगा की भारत के लोगो के पुराने समय में घर, कपडे, औजार जैसी चीज़े देखने को मिलेगा। यदि आप भारत की संस्कृति के बारे में जाने को इच्छुक है तो यहाँ जरूर जाए। इन सब चीज़ो के आलावा मास्क म्युसियम भी आपको देखने को मिलेगा।
यदि आप यहाँ मार्च से अगस्त के महीने में जा रहे है तो टाइमिंग रहेगा सुबह के 11 बजे से लेकर शाम के 6 बजकर 30 मिनट तक और आप यदि सितम्बर से फरवरी महीने में जा रहे है तो टाइमिंग सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। यहाँ की एंट्री फीस मात्र 50 रूपए है।
12. रानी कमलावती पैलेस
इस महल का निर्माण 1722 में रानी कमलावती के द्वारा करवाया गया जो की भोपाल के निज़ाम निज़ाम शाह की विधवा थी। इस महल का निर्माण गोंड किले की दिवार पर किया गया जो की भोपाल की सबसे बड़े लेक को दो भागो में बाटता है। इस पैलेस की देखरेख का काम भारतीय संग्रहण मत्रालय द्वारा करि जाती है।
ये पैलेस कमला पार्क के बीच में स्थित है। अगर आप यहाँ गए है तो इस पार्क में भी अच्छा समय बिता सकते है। यहाँ आप सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजे तक आ सकते है।
13. ट्राइबल म्युसियम
ये भोपाल का सबसे खूबसूरत म्युसियम मन जाता है जहाँ आप अलग अलग 6 गैलेरीज देख सकते है। यहाँ आपको मध्य प्रदेश की जनजाति के बारे में आपको विभिन्न प्रकार की जानकारी जानने को मिलेगी। इन अलग अलग गैलेरीज में आपको इन जनजातियों की संस्कृति, कला, रहन- सेहन, वेश- भूषा, खान- पान आदि चीज़ो के बारे में जानने को मिलेगा। ये म्युसियम करीब 7 एकड़ की जमीं में फैला है जो की 7 समुदायों के बारे में आपको जानकारी देता है।
भील समुदाय, गोंड समुदाय, कोरकू समुदाय, सहरिया समुदाय, बैगा समुदाय और कॉल समुदाय नाम की 7 समुदाय के बारे में विस्तार से जानने को मिलेगी। यहाँ आने का समय दोपहर 12 बजे से रात के 8 बजे तक है जिसे मात्र 10 रूपए में घुमा जा सकता है।
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