Captain Anshuman Singh and Smriti Singh Love Story in Hindi:- कैसे एक पल में स्मृति और अंशुमन की जिंदगी बदल गयी। एक जवान जिसने एक दिन पहले अपनी पूरी जिंदगी के सपने सजाये और अगले ही शान वो वीर गति को प्राप्त हो गए। अंशुमन भारत के एक कप्तान थे जिनकी ड्यूटी सियाचिन ग्लेशियर में एक मेडिकल अफसर के रूप में लगायी गयी थी पर ऐसा क्या हुआ की वो नहीं बच पाए जानने के लिए हमारे ब्लॉग को पूरा पढ़िए कैसे अंशुमन ने देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान किया और अंशुमन स्मृति की कहानी क्या है।
शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह कौन थे?
अंशुमन सिंह बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। ये जज्बा शायद उन्हें अपने पिताजी से मिला होगा क्युकी उनके पिता ने 30 सालो तक फ़ौज में अपनी सेवाएं दी। इनके पिता जवान से सूबेदार तक का सफर 30 सालो में तय किया। शायद अंशुमनको भी अपने पिता से भी भारत के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा आया होगा। अंशुमन शुरू से ही बहुत तेज दिमाग वाले थे उन्होंने छोटी उम्र में ही आर्म्ड फाॅर्स मेडिकल कॉलेज, पुणे में बहुत अच्छा इन्हे रैंक मिला था। यही से इन्होने अपनी एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी।
क्या हुआ था शहीद कैप्टन अंशुमन के साथ?
अंशुमन सियाचिन ग्लेशियर पर मेडिकल अफसर की ड्यूटी पर तैनात थे साथ ही ये सबसे कम उम्र के आर्मी मेडिकल कॉर्प के कप्तान भी थे इन्होने अपने साथी नौजवानो को बचाने के लिए अपने प्राणो का बलिदान दे दिया। इन्होने भाईचारे का सर्वोच्च प्रदर्शन किया जिसे आप सुनेंगे तो आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। अंशुमन सिंह की पहली पोस्टिंग सियाचिन ग्लेश्यिर के बेस कैंप में कर दी गयी। 19 जुलाई 2023 को एमिनिशन डिपो ( जहाँ बारूद रखा जाता है ) में आग लग गयी और उसके बगल में ही बंकर्स थे जिसमे सैनिक सो रहे थे वो भी आग की चपेट में आ गए। इस बात का जैसे ही अंशुमन को पता चला वो अपने साथियो को बचाने के लिए आग में कूद गए। आग में कूदने के बाद वो अपने साथियो को लेकर बहार आ गए ।
बाद में उन्हें पता चला की एक सैनिक अभी भी अंदर है तो उन्होंने कप्तान की भूमिका निभाते हुए उस एक जवान को बचाने के लिए फिर से आग में कूद गए लेकिन पुनः प्रयास में वो उस सैनिक को तो बचा लेते है पर खुद को नहीं बचा पाते क्युकी सियाचिन ग्लेशियर बहुत ऊंचाई पर है और हवा इतनी तेज थी की आग की लपटे बढ़ती गयी और वो खुद को नहीं बचा पाए और वीर गति को प्राप्त हो गए।
शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति की प्रेम कहानी?
अंशुमन उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के बढ़िया दलपत गांव के रहने वाले थे और उनकी पत्नी पठानकोट की निवासी थी। अंशुमान और स्मृति की शादी फरवरी 2023 में ही हुई थी। स्मृति और अंशुमन दोनों एक ही कॉलेज में थे और एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर में दोनों की मुलाकात हुई।
Cpt #AnshumanSingh was awarded #KirtiChakra (posthumous). It was an emotional moment for his wife & Veer Nari Smt Smriti who accepted the award from #President Smt #DroupadiMurmu. Smt Smriti shares the story of her husband’s commitment & dedication towards the nation. Listen in! pic.twitter.com/SNZTwSDZ1Z
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) July 6, 2024
दोनों को पहली नजर में ही प्यार हो गया। कुछ समय बाद अंशुमन आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के लिए सेलेक्ट हो गए । पर इसके बाद भी दोनों का 8 साल तक रिलेशनशिप चला और फरवरी 2023 में दोनों ने शादी रचाई। शादी के दो महीने बाद ही अंशुमन की पोस्टिंग शचिन ग्लेशियर में कर दी गयी थी। दोनों ने अपने आगे के 50 सालो तक की जिंदगी के बारे में सोच लिया था।
पर नियति को तो कुछ और मंजूर था। मेघदूत ऑपरेशन के दौरान मेडिकल अफसर के रूप में तैनात अंशुमन ने सियाचिन ग्लेशियर में हुए अग्नि कांड के दौरान जीवन रक्षक दवाइयों को बचाने के लिए अपने प्राणो की आहुति दे दी।
अंशुमन के परिवार में कौन कौन था ?
अंशुमन के परिवार में उनके पिता, माता , भाई, बहन और उनकी बीवी थी। उनके पिताजी स्वयं एक फौजी रहे है जिन्होंने 30 सालो तक देश की सेवा की। उनके बेटे की मौत पर उन्होंने कहा की 30 सालो में जो वो अपने देश के लिए नहीं कर पाए वो अंशुमन ने कर दिखाया उन्होंने गोली पीठ पर नहीं बल्कि अपनी छाती पर खायी है। उनको अपने बेटे का बहुत गम है पर इस बात की ख़ुशी भी की देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान दिया। उनकी छोटी बहन का भी रो रो कर बुरा हाल है। उनकी पत्नी ने उनके पार्थिव शरीर को देख कर कहा की उन्हें अपने हीरो हर गर्व है। अंशुमन की पत्नी स्मृति ही सम्मान समारोह में कीर्ति चक्र लेने पहुंची थी जिसमे उनकी आँखे नम थी।
वो चुप्पी जो पर्वत चीर दे…. ॐ शांति | Heartbreaking 💔
Kirti Chakra for the utterly selfless Captain #AnshumanSingh for saving the lives of several soldiers in a fire at an ammunition dump near his bunker in Siachen in July 2023. His wife collected his medal.#JaiHind pic.twitter.com/tuY68SukVo
— Satyaagrah (@satyaagrahindia) July 5, 2024
FAQ’s-
Q.1 कप्तान अंशुमन सिंह को कौन से पुरस्कार से नवाजा गया?
उत्तर– कप्तान अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा गया ये सम्मान उनकी पत्नी कीर्ति और माँ ने ग्रहण किया।
Q.2- स्मृति सिंह अब क्या करती है?
उत्तर– स्मृति फिलहाल नॉएडा रहती है और एक एनएमसी कंपनी में काम करती है क्युकी ये पेशे से इंजीनियर है।
Q.3- अंशुमन की मौत कब हुई?
उत्तर– 19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के गोला बारूद बनकर में आग लगी और उसी आग में फसे अपने साथियो को बचाने के लिए कूद गए और उसमे वो बुरी तरह से झुलस गए। उन्हें बाद में चंडीगढ़ लाया गया जहाँ वो शहीद हो गए।
Q.4- स्मृति सिंह कौन है?
उत्तर- स्मृति सिंह भारतीय वीर सैनिक अंशुमन सिंह की पत्नी है जिन्होंने अंशुमान सिंह के मरणोपरांत उनका कीर्ति चक्र प्राप्त किया है।
Q.5- स्मृति सिंह और अंशुमन सिंह की शादी कब हुई थी?
उत्तर- कीर्ति सिंह और अंशुमन सिंह की शादी फरवरी 2023 में हुई थी। इनकी शादी 8 साल के रिलेशनशिप चलने के बाद हुई थी।
Q.6- अंशुमन सिंह की पत्नी को उनके मरणोपरांत कितने पैसे मिले ?
उत्तर– स्मृति सिंह को आर्मी के बिमा से ( एजीआईएफ) से 1 करोड़ रूपए प्राप्त हुए जो की अंशुमन के परिवार और उनकी पत्नी स्मृति के बीच विभाजित किये गए और मरण उपरांत पेंशन उनकी पत्नी को मिली। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर ने 50 लाख रूपए की सहायता परिवार को दी गयी जिसमे से 35 लाख रूपए उनकी पत्नी को और 15 लाख रूपए उनके माता पिता को दिए गए।
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