राजस्थान के दिल में बसा पुष्कर शहर जो की पहाड़ो और रेतीले तिल्लो के बिच में बसा है, जहा पर लोग बहुत दूर से पुष्कर का मेला, होली, वह की प्रसीद कला और शिल्प पुष्कर को बहुत ही खास बना देते है। वह सिर्फ इंडिया में रहने वाले लोग ही नहीं आते है, परन्तु आप पुष्कर जाके देखोगे तो वह आपको विदेशी लॉग बहुत हीजयदा देखने को मिलेंगे। तोह इस ब्लॉग के माद्यम से हम सिर्फ ये बताना चाहेंगे की पुष्कर में घूमने की जगह और वह से जुडी बहुत सी जानकारी।
पुष्कर, अजमेर जिले में बसा एक खूबसूरत शहर है जिसे “Gulab Udhaan” के नाम से भी खूब जानते है। पुष्कर शहर में एक मात्रा असा मंदिर है जो पुरे विश्व में कही नहीं है, और एक ये कारन है की पुष्कर को खास बना देता है। तोह चलिए चलते है और आगे हमारे साथ बने रहिये।
पुष्कर में घुंमने की जगह [2025]
अगर आप पुष्कर घूमना चाहते है तो सबसे बढ़िए समय है बारिश और सर्दियों में मौसम में जाने का, वैसे तो किसी भी महीने में जाके सभी जगहों का आनंद ले सकते है परन्तु अगर आप इस समय के अंतराल में जाओगे तो आप बेहतर घूम पाओगे। पुष्कर, राजस्थान बहुत ही सूंदर जगह, पहाड़ियों के बिच में, बहुत ही जयदा प्रसीद जगह है विदेशी और हिन्दुस्तानियो के लिए भी। साल में 12 महीने पुष्कर में घूमने बहुत से लोग आते है और वहा का लुफ्त उठाते है।
क्रमांक | जगहों के नाम |
1. | ब्रह्मा जी का मंदिर |
2. | सावित्री जी का मंदिर |
3. | पुष्कर के घाट |
4. | नागा पहाड़ |
5. | पुष्कर बाजार, सराफा बाजार |
6. | मन महल |
7. | गुलाब गार्डन |
8. | मीरा बाई मंदिर |
9. | पुष्कर ऊट मेला |
10. | बुद्धा कैफे |
11. | डॉक्टर कैफ़े |
1. ब्रह्मा जी का मंदिर
ब्रह्मा जी का मंदिर, एक मात्रा ऐसा मंदिर है जो पुरे देश में एक ही मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर शहर में स्तिथ है। तोह सभी के मन में एक कारण आता है की क्यों ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर में हे क्यों बना है, तोह इसका कारण ये है की ब्रह्मा जी ने सारे ब्राह्मण की रचना करने के बाद जब उन्होंने यग करने के लिए पुष्कर को ही चुना। उसके बाद जब जगतपिता ब्रह्मा जी का यग शुरू होने के बाद तक उनकी पत्नी सावित्री जी समय से यग में न पहुंचने से और यग को पूरा करने के लिए गायत्री जी विवाह कर लिया। उसी के बाद इस बात से क्रोदित होक सावित्री जी ने उनको शार्प दिया की संसार में आपका कही मंदिर नहीं होगा और ना ही आपकी कही पूजा होगी। इसी कारण जगतपिता ब्रह्मा जी मंदिर सिर्फ और सिर्फ पुष्कर में ही है।
जगतपिता ब्रह्मा जी का मंदिर पुष्कर के घाट के पास में स्तिथ है। अंदर जाने पर मंदिर के साथ दर्शन करने के साथ साथ आपको आपको वेद देखने को मिल सकते है। पुरे साल मंदिर में भीड़ लगी होती है और हिन्दू धर्म की कुछ पूजा और अनुष्ठान आज भी पुष्कर में ही किये जाते है।
2. सावित्री जी का मंदिर
सावित्री जी का मंदिर, भगवान् ब्रह्मा जी के पत्नी को समर्पित है। पहाड़ियों के ऊपर स्तिथ मंदिर, पुष्कर शहर का बहुत ही अच्छा दृश्य दीखता है। वैसे तो ऊपर दर्शन के लिए आप केबल कार की सुविधा भी ले सकते है और उसी के साथ लोगो पहाड़ पर चढ़ना भी बहुत पसंद आता है। मंदिर सुबह और शाम दोनों समय भक्तो के लिए खुला रहता है। अगर आप चढ़के जाना चाहते है तो करीब आपको 1000 सीढिया चढ़ने के बाद ही सावित्री माता जी के दर्शन प्राप्त होंगे।
3.पुष्कर के घाट (52 घाट )
ब्रह्मा जी की नगरी पुष्कर के 52 घाट पर लोग स्नान करके पवित्र होने आते है।
पुष्कर के 52 घाट में जयपुर घाट, ग्वालियर घाट, इंद्रा घाट, चंद्र घाट, महादेव घाट ( यहाँ 100 महादेव जी की प्रतिमाये आपको देखने को मिलेगी । ), वंशी घाट, होल्कर घाट, कुर्मांचल घाट ( यहाँ प्राचीन मुरलीमहोहर जी का मंदिर है । ), नरसिंघ घाट, विश्राम घाट ( यहाँ आपको झूलेलाल जी का मंदिर देखने को मिलेगा जो की सिंधी समाज को समर्पित है। ) , भदवार घाट, बद्री घाट , अस्थल घाट, गणगौर घाट ( जहाँ आपको पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन करने को मिलेंगे ।),
मुक्ति घाट, जगन्नाथ घाट, नगर घाट, चीर घाट, जनाना घाट , गौ घाट ( ये पुष्कर के 52 घाटों में से प्रमुख घाट है , जहाँ पर गोपेश्वर महादेव जी का मंदिर है । ), भरतपुर घाट ( यहाँ आपको पुराने ग्रन्थ देखने को मिलेंगे जहाँ लोगो के वंशजो का पूरा लेखा जोखा रखा जाता है । ), यज्ञ घाट ( इस घाट के बारे में कहा जाता है की यहाँ ब्रह्मा जी ने स्वयं यज्ञ किया था और सभी देवताओ को आमंत्रित किया था ) ,शीतला घाट, अमरनाथ घाट, दाधीच घाट, ब्रह्म घाट ( ये 52 घाटों में से पहला घाट है ),
सावित्री घाट ( सावित्री ब्रह्मा जी की पत्नी का नाम है, ये सबसे अंतिम और प्रमुख घाट कहा जाता है ) . इन सभी घाटों पर घूमते हुए आपको लोग पूजा करते हुए, स्नान करते हुए, सत्संग करते हुए, सरोवर के किनारे बैठे हुए दिखाई देंगे।
इन सभी 52 घाटों से आपको अरावली की खूबसूरत पहाड़ियों के भी मनमोहक दृश्य देखने को मिलेंगे। रात के समय तो इन घाटों की सुंदरता में चार चाँद लग जाते है, रात के अँधेरे में चन्द्रमा की रौशनी पुष्कर सरोवर पर पड़ती हुई ऐसे लगती है मनो चाँद धरती पर ही उतर आया है।
4. नाग पहाड़
नाग पहाड़ पर हरियाली अमावस्या पर मेला भरता है जिसमे अजमेर के और बहार से भी काफी लोग जाते है। नाग पहाड़ तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करके जाना होता है। यदि आप मानसून के महीने में जा रहे है तो आपको रस्ते में काफी सरे झरने भी देखने को मिलेंगे। ऊंचाई पर पहुंचने पर आपको आना सागर लेक और पूरा अजमेर दिखाई देगा। पूरी ट्रैकिंग करने में 2 से 2.5 घंटे का समय लगता है। पुरे रास्ते में डांसरे के पेड़ आपको हर जगह देखने को मिलेंगे। अगर आप ट्रेकिंग का शोक रखते है तो यहाँ जरूर जाये।
5.पुष्कर बाजार / सराफा बाजार
पुष्कर बाजार सिर्फ भारतीयों को ही नहीं विदेशी यात्रियों को भी काफी पसंद आती है। यहाँ पर बहुत बड़ा बाजार है जो ब्रह्मा मंदिर के पास से ही चालू हो जाता है, जहाँ आपको कपडे, ज्वेलरी, जूते, बैग्स, जुतिया और होम डेकॉर जैसे रंग बिरंगे सामान से भरा है। कपड़ो के लिए लॉन्ग ड्रेस , शॉर्ट ड्रेसेस, शर्ट्स, कॉटन पेंट्स, खादी की ड्रेसेस बहुत ही अफोर्डेबल प्राइस में मिल जाती है। यहाँ बैग्स आपको बहुत ही सुन्दर कलर कॉम्बिनेशन के साथ दिखेंगे जिन्हे देखते ही आपका मन उनपर आ जायेगा। इसके आलावा राजस्थानी ब्लॉक प्रिंट्स की चद्दरे, पिल्लो कवर में भी काफी तरह की विविधता देखने को मिलेगी। इसलिए पुष्कर के मार्किट को जरूर एक्स्प्लोर करे।
6. मन महल
मन महल को राज घाट और जयपुर द्घाट के नाम से भी जाना जाता है क्युकी इसका निर्माण जयपुर के राजा मानसिंघ प्रथम के द्वारा सोहलवीं शताब्दी में करवाया गया था। जब आप इसकी बनवट देखेंगे तो देखते ही रह जायेंगे। मान महल के बारे में कहा जाता है की यहाँ बहुत सारा सोना दबा हुआ है। ऐसा कहा जाता है की जब मानसिंघ जी पैदा हुए थे तो 32 दाँतों के साथ पैदा हुए थे और भारतीय शास्त्रों के अनुसार जो बच्चा दातों के साथ पैदा होता है वो पिता के लिए हानिकारक होता है इसलिए उन्हें उनके भुआ के घर पर लालन – पालन के लिए भेज दिया गया। जब मानसिंघ 12 के हुए और वो जयपुर आये तो उनकी बहादुरी के चर्चे हर जगह होने लगते है इसलिए उन्हें मुग़ल सेना में भर्ती करके सेनापति का पद दे दिया जाता है। धीरे धीरे युद्ध होने के बाद उनकी प्रसिद्धि फैलती जाती है। तो उनके द्वारा ये मान महल का निर्माण करवाया गया था। महल में एक चौकी बानी है जहाँ पीपल का पेड़, उल्लू , कबूतर और नाग नागिन का जोड़ा देखने को मिलता है और उनके निचे ऐसा कहा जाता है की वहां बहुत सारा सोना छुपा है। इसके आलावा महल में मनोकामना सीधी विनायक जी का मंदिर है जहाँ जाने से हर मनोकामना पूरी होती है।
7.गुलाब निवास पुष्कर
गुलाब निवास पुष्कर के प्राइम हेरिटेज होटल्स की गिनती में शामिल है। इसकी बनावट में राजपूती और मुग़ल अंदाज दोनों देखने को मिलेंगे। ब्रह्मा मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थति इस होटल में कोलोनियल स्टाइल फर्नीचर , खूबसूरत नज़रों वाली बालकनी, एस्थेटिक सिटींग एरिया, देखकर आपको यहाँ से जाने का मन नहीं करेगा। तो आप कोई अच्छा होटल स्टे के लिए देख करे है तो यहाँ स्टे किया जा सकता है।
8. मीरा बाई मंदिर
यहाँ आपको कृष्ण भगवन की भक्त मीरा बाई को समर्पित है। ये मंदिर आपको शादी के मंडप के रूप में दिखाई देगा क्युकी इसका निर्माण राजा मान सिंह ने मीरा बाई और कृष्ण भगवन की मूर्तियों का विवाह करवाने के लिए बनवाया था क्युकी मान सिंह मीरा बाई को अपनी पुत्री मानते थे। मंदिर की शुरुवात में आपको एक तोरण द्वार दिखाई देगा जो बारात के स्वागत के समय बनवाया जाता है। मंदिर की बनावट आपको नागर शैली में दिखाई देगी । इसके आलावा यहाँ मीरा बाई और कृष्ण भगवन की पेंटिंग और मुटिया आपको मंदिर में दिखाई देगी।
9. पुष्कर ऊट मेला
पुष्कर मेला या पुष्कर ऊट मेला हर साल पुष्कर में 7-8 दिनों के लिए मनाया जाता है जिसे देखने दूर दूर से लोग आते है। पुष्कर मेला सदियों से भी आयोजित किया जाता है पुराने समय में इसकी शुरुवात ऊटों के व्यापार के लिए की गयी थी और अब यह एक सांस्कृतिक परंपरा बन चूका है। मेले में ऊटों की रेस और अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। मेले में अलग अलग प्रतियोगिताएं जैसे फुटबॉल मैच, मांडणा प्रतियोगिता, दीपदान, रंगोली प्रतियोगिता जैसी प्रतियोगिताओ के आलावा महा आरती, पुष्कर अभिषेक, ध्वजारोहण, संगीत और नृत्य प्रस्तुति जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। तो आप भी इन चीज़ो का शोक रखते है तो इस साल होने वाले पुष्कर मेले में जरूर जाये।
10. बुद्धा कैफ़े
पुष्कर के इमली मोहल्ले में बुद्धा कैफ़े स्थित है जहाँ आपको बाक्सू केक देखने को मिलेगा जो की हिमाचल का फेमस केक है। पुष्कर बाक्सू केक सिर्फ बुद्धा केज में ही मिलता है। केक के आलावा यहाँ मलाई कोफ्ता भी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। सिर्फ भारतीय पर्यटक ही नहीं विदेशी पर्यटकों की भीड़ भी आपको यहाँ देखने को मिलेगी। कैफ़े के आलावा यहाँ बाबा गेस्ट हाउस भी है जहाँ आप काफी कम पेसो में स्टे कर सकते है। हरे भरे पेड़ो के साथ आपको यहाँ एस्थेटिक पेंटिंग्स भी देखने को मिलेगी।
11.डॉक्टर अलोन कैफ़े
इस कैफ़े का माहौल जब आप देखेंगे तो आपको यहाँ से जाने का बिलकुल ही मन नहीं करेगा। यहाँ घंटों बिताने के बाद भी आपको ऐसा लगेगा की जैसे कुछ ही देर हुई हो आपको यहाँ आये। यहाँ के खूबसूरत नज़ारे, घर जैसा खाना और कमरे और ऐसा क्या नहीं है तो आपका मन मोह न ले। यहाँ की मेहमाननवाजी इस तरह की है इस कैफ़े की याद आपको सालों साल तक रहेगी चाहे आप दुनिया घूम आओ। इतना ही नहीं इन सब चीज़ो के आलावा पौधे यहाँ की सुंदरता में चार चाँद लगा देते है तो आपको भी यदि ऐसे ही एस्थेटिक जगह पर जाना पसंद है तो यहाँ जरूर जाए।
ये भी पढ़े:
मानसून में जीभी हिमाचल प्रदेश में घूमने की 10 जगह [2025]
घूमने की प्रसीद जगह
Hello, I am the owner and the creator of the website. I would love to write and have 5+ years of experience in the content writing field. I started Kahiankahibaate to give information to the audience, so they can get better information. The categories, mentioned in the site, In this we decided to provide information.
Thank You
Muskan Goyal.