Chokhi Dhani Jaipur History in Hindi:- चोखी ढाणी जयपुर की एक ऐसी जगह है जिसकी स्थापना 2013 में हुई थी जब से आज तक ये जयपुर में रहने वालों के साथ साथ यहाँ आये पर्यटक भी कभी नहीं भूल पाते। ऐसी इस जगह में ख़ास बात क्या है? ये जगह जयपुर के लोगो को तो पसंद है ही इसके साथ यहाँ जो एक बार आ जाता है वो इस जगह का दीवाना हो जाता है और यहाँ जरूर दुबारा आना चाहता है, चोखी ढाणी आधुनिक और तकनिकी चकाचौंध से दूर आगंतुकों को ग्रामीण परिवेश, वेश भूषा, वस्त्र, संस्कृति के साथ साथ स्वादिष्ठ भोजन और खुले वातावरण का अनुभव प्रदान करता है।
ये जगह इतनी बड़ी है की आप इसे एक बार में तो घूम ही नहीं पाएंगे और कुछ न कुछ बाकी रह जायेगा जिसे देखने के लिए आपको दुबारा आना ही पड़ेगा। तो चलिए आज हम आपको बताने वाले है की जयपुर के सुप्रसिद्ध चोखी ढाणी में आपको क्या क्या देखने और अनुभव करने को मिलेगा।
चोखी ढाणी की टिकट
चोखी ढाणी में एंट्री के समय ही आपको राजस्थानी संस्कृति में नृत्य करती हुई महिलाओ से आप अपना ध्यान ही नहीं हटा पाएंगे जो राजस्थानी संस्कृति को दिखने के लिए किया जाता है। उसके बाद स्वागत करने के लिए तिलक लगाया जाता है। रिसेप्शन पर आप आसानी से एंट्री का टिकट ले पाएंगे और एंट्री टिकट आपकी 800 रूपए की होगी जिसके साथ आपको राजस्थानी खाना और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे।
इसके अलावा यहाँ आपको 1350 रूपए की एक और टिकट मिल सकती है जिसमे आपको सभी एक्टिविटीज और कैंडल लाइट डिनर के साथ नॉन वेज फ़ूड एन्जॉय करने का मौका मिल सकता है।
चोखी ढाणी की बनावट
चोखी ढाणी बिलकुल खुले वातावरण में बना हुआ है जो की बिलकुल गांव का एहसास दिलाता है। यहाँ आपको गांव से जुडी सभी चीज़े जैसे खाट, कुए, बैलगाड़ी, लकड़ी के झूले, मंदिर, गाव की झोपडी, हरे भरे पेड़ पौधे। तालाब के बीच ने नाव, शॉपिंग के लिए बाजार, विष्णु माता का मंदिर, पानी पथ के युद्ध को दर्शाते हुए मैदान, हाथी की सवारी, भूल भलैया, झूले, पिसलपाटियाँ, झरना, गुफाये, जंगल देवता की मूर्ति और गांव के बाजरे की रोटी के साथ लस्सान की चटनी का अनुभव आप कर पाएंगे।
चोखी ढाणी में एक्स्ट्रा एक्टिविटीज जिसके पैसे लगते है
यहाँ आपको हाथी की सवारी, बोटिंग, ऊट की सवारी, लकड़ी के झूले पर कुछ पैसे देते होते है जिससे आप वहां इन चीज़ो का आनंद ले पाएंगे। हाथी की सवारी 50 रूपए, बोटिंग 50 रूपए, ऊट की सवारी 20 रूपए, झूला 20 रूपए देकर इन चीज़ो का लुफ्त उठा सकते है। इसके आलावा बच्चो के लिए यहाँ शूटिंग, बास्केट बॉल और भी छोटे छोटे गेम्स देखने को मिलेंगे। इन सब चीज़ो के अलावा आप यहाँ जादू, काट पुतली नाटक, सांप का नाटक, मिटटी के बर्तन बनाना, मालिश कराना, मेहँदी लगवाना, ज्योतिष से भविष्यवाणी जानना, तोते से बाते करना, भुट्टा खाना, कपडे खरीदना, जैसी चीज़े भी कर सकते है।
चोखी ढाणी की खास चीज़ क्या है?
यहाँ आपको एक झोपडी में चूल्हे पर बनती बाजरे की रोटी और चटनी खाने को मिलेगी जो की यहाँ की जान है। इसीलिए यदि आप यहाँ जाए तो ये चटनी रोटी जरूर खाकर आये।
चोखी ढाणी का खाना
जैसे ही खाने का समय होता है माइक पर अनाउंस करवा दिया जाता है। खाने चौकी पर बैठकर बिलकुल राजस्थानी अंदाज में करवाया जाता है जिसमे दाल, बाटी, चूरमा, पनीर की सब्जी, रोटी, चावल, खिचड़ी- बुरा जिसमे बहुत सारा मख्खन और घी बहुत ही बढ़िया तरीके से खिलाया जाता है।
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रात के समय में चोखी ढाणी
रात के समय में तो आपको क्या ही बताये इसकी खूबसूरती आपको अपनी आखों से जरूर देखनी चाहिए। अँधेरे में जलती हुई छोटी छोटी लालटेन किसी सितारे से कम नहीं लगती।
यहाँ आपको गंगा घाट देखने को मिलेगा जहाँ पर शाम को 7:30 बजे आरती भी होती है। कलाग्राम एक बाजार है चोखी धनि में जहाँ आप जैपुरिया प्रिंट के सूट, बेडशीट, खरीद सकते है। इस बज़्ज़ार में आपको कपड़ो के आलावा लालटेन, पॉटरी का सामान, लकड़ी के खिलौने, खैरड़ सकते है। आप यहाँ चाहो तो अपने हाथो से ब्लॉक प्रिंटिंग करके भी दुपट्टा खरीद सकते है। तो ये थी चोखी ढाणी के थोड़ी सी जानकारी अगर आपको हमारा ब्लॉग पसंद आये तो कमेंट करके जरूर बताये।
FAQ’s-
Q.1- चोखी ढाणी क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर- चोखी ढाणी एक ऐसी जगह जहाँ आपको राजस्थानी संस्कृति, नृत्य, घुड़ सवारी, हाथी की सवारी, बोटिंग, राजस्थानी खाना, कटपुतली शो, मैजिक शो, झूले, राजस्थानी खाने के साथ साथ गांव के परिवेश का माहौल देखने को मिलता है जो लोगो को काफी पसंद आता है। ये जगह इतनी बड़ी है की इसे एक बार में तो पूरा देखा ही नहीं जा सकता और यदि आप पहली बार जयपुर आये है तो यहाँ जरूर जाये।
Q.2- चोखी ढाणी में टिकट कितनी है?
उत्तर- चोखी ढाणी में प्रति व्यक्ति टिकट 2 तरीके की है जिसमे एक है 800 रूपए की टिकट और दूसरी है 1350 रूपए की टिकट। 800 रूपए की टिकट में आपको पूरा चोखी ढाणी घूमने का मौका मिलेगा जिसमे बाई दूसरी एक्टिविटीज चार्जब्ले होगी और वेज खाना उसी 800 रूपए की टिकट में शामिल रहेगा जिसमे राजस्थानी खाना आपको खाने को मिलेगा। 1350 रूपए की टिकट में आपको नॉन वेज फ़ूड और कुछ एक्टीवीएस भी उसी में करने को मिलेगी।
Q.3- जयपुर में चोखी ढाणी कहाँ पर है?
उत्तर- जयपुर में चोखी ढाणी सांगानेर में स्थित है।
Q.4- चोखी ढाणी के मालिक का क्या नाम है?
उत्तर- चोखी ढाणी के मालिक का नाम गुल वासवानी और सुभाष वासवानी है जो की एक सिंधी है।
Q.5- चोखी ढाणी कितने से कितने बजे तक खुला रहता है ?
उत्तर- चोखी ढाणी शाम को 5 बजे से रात के 11 बजे तक ही खुलता है।
Q.6- चोखी ढाणी की शुरुवात कब हुई थी?
उत्तर- चोखी ढाणी की शुरुवात 2013 में हुई थी।
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