मथुरा का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा बहुत से लोग अपने परिवार के साथ धार्मिक स्थलों पर घूमना और छुट्टिया मनाना पसंद करते है। हम आपको मथुरा की कुछ ऐसी प्रसिद्ध जगहों के बारे में बताएँगे जहाँ आपको जरूर घूमने जाना चाहिए। मथुरा का नाम सुनते ही सभी के दिमाग में श्री कृष्ण का नाम और छवि आ जाती है जो की सहेज भी है क्युकी में श्री कृष्ण और यशोदा मैया से जुडी बहुत सी कथाये प्रसिद्ध भी है। मथुरा के मंदिर, भूमि, यमुना मैया, वासुदेव और यशोदा मैया, राधे – कृष्ण सभी से जुड़े कुछ ख़ास बाते आपको हमारे ब्लॉग के जरिये जानने को मिलेगी।
मथुरा में घूमने की जगह
मथुरा पहुंचने के लिए आप बस, ट्रैन और अपनी गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते है। यदि आप फ्लाइट के जरिये मथुरा आना चाहते है तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट आपको आगरा में मिलेगा और आगरा से मथुरा की दूरी मात्र 60 किलोमीटर है और फिर कैब के जरिये मथुरा पंहुचा जा सकता है। बस के जरिये भी आप मथुरा पहुंच सकते है। ट्रैन के जरिये आप मथुरा आना चाहते है तो यहाँ 2 रेलवे स्टेशन मौजूद है जिसके जरिये मथुरा पंहुचा जा सकता है।
1.द्वारकाधीश मंदिर
माथुर में स्थापित सभी मंदिरो के खुलने और बंद होने का एक निश्चित समय है इसीलिए यहाँ मंदिर के खुलने का समय सुबह 6 बजे से 11 बजे तक का है और शाम को 4 बजे तक शाम 7 :30 बजे तक मंदिर खुलता है। मथुरा रेलवे जंक्शन से द्वारकाधीश मंदिर की दूरी मात्र 4 किलोमीटर है जहाँ इ- रिक्शे से पंहुचा जा सकता है। ये मंदिर 1814 में बनकर तैयार हुआ। यहाँ कृष्ण अष्ठमी और होली के पर्व पर बहुत भारी भीड़ देखने को मिलती है।
2.श्री कृष्ण जन्म भूमि
द्वारकाधीश मंदिर से श्री कृष्ण जन्म भूमि की दूरी सिर्फ 1 किलोमीटर है तो आप चाहो तो पैदल भी यहाँ पहुंच सकते है। यहाँ आपको बहार भी काफी अच्छा बाजार देखने को मिलेगा। मंदिर के प्रवेश के समय मोबाइल, चार्जर, बेल्ट आदि ले जाना निषेध है। श्री कृष्ण जन्म भूमि सुबह 6 बजे से दिन के 12 बजे तक खुलता है और शाम 4 बजे से 7 बजे तक बंद हो जाता है। यहाँ आप श्री कृष्ण की प्राकर्तिक झलकियां देख सकते है। यहाँ आपको घूमने में करीब 1 से 1.5 घंटे का समय लग सकता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की यहाँ पहले श्री कृष्ण की सोने की मूर्ति राखी गयी थी जो की मेहमूद गजनवी द्वारा बाद में चुरा ली गयी।
3.भूतेश्वर महादेव मंदिर
मथुरा की यात्रा भूतेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किये बिना अधूरी मानी जाती है। भूतेश्वर महादेव मंदिर श्री कृष्ण जन्म भूमि से सिर्फ 900 मीटर की दूरी पर स्थित है। ये मंदिर बहुत पुराना है जहाँ आप सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की ये मथुरा की रक्षा करता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है की यहाँ सति माता के शरीर के नष्ट होने के बाद में उनकी अंगूठी गिरी थी। इसके आलावा यहाँ जो भी माँगा जाता है वो सभी मिल जाता है ऐसी भक्तो की मान्यता है।
4.पोतरा कुंड
ये कुंड भूतेश्वर महादेव मंदिर से मात्र 650 से 700 मीटर की दूरी पर ही स्थित है। ये वही जगह है जहाँ भगवान श्री कृष्ण के कपडे धोये गए थे इसीलिए धार्मिक दृष्टि से ये हिन्दुओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण कुंड है। इस कुंड को बहुत पवित्र माना जाता है। ये जगह पर दिन के समय घूम सकते है जब मथुरा के सभी मंदिर बंद हो जाते है।
5.कंश किला
द्वारकादीश मंदिर से कंश किले की दूरी मात्र 500 मीटर है। ये किला काफी ज्यादा पुराना है। दिन के समय घूमने के लिए ये सबसे अच्छी जगह है। यमुना नदी के किनारे बने इस किले को कंश टीले के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है की यही से कंश का राजदरबार लगता था।
6.विश्राम घाट
इस घाट के बारे में कहा जाता है की श्री कृष्ण ने कंश का वध करने के बाद इसी घाट पर विश्राम किया था तब से ही इसका नाम विश्राम घाट पड़ गया है। यहाँ से आपको यमुना मैया के दर्शन और बोटिंग करने का अवसर मिलता है। विश्राम घात पर सुबह 5:30 बजे और शाम को 7:30 बजे की जाती है।
7.मथुरा म्युसियम
ये म्युसियम सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 05 बजे तक खुला रहता है। यहाँ एंट्री टिकट मात्र 20 रूपए और बच्चो का टिकट सिर्फ 5 रूपए लगता है। इस म्युसियम में मुर्तिया कुशान्ड काल की है यहाँ तक के बुद्ध काल की मुर्तिया भी आपको यहाँ देखने को मिलेगी। यहाँ बहुत शिलालेख, सिक्को और पाण्डुलिपिलयों के बारे में आपको जानने को मिलेगा। यहाँ मौजूद हर एक मूर्ति का पूरा विवरण दिया गया है। बहुत सी विशालकाय प्रतिमाय आपको यहाँ आश्चर्यचकित कर देगी इसीलिए मथुरा गए है तो यहाँ जरूर जाए।
8.श्री चामुंडा देवी मंदिर
ये मंदिर सती माता के 51 शक्तिपीठो में से एक है जो की काफी प्राचीन है। इस मंदिर का उल्लेख आपको श्रीमत भागवत गीता में भी मिल जायेगा। यहाँ स्थापित चामुंडा देवी मंदिर को नन्द बाबा की कुलदेवी कहा जाता है। सतयुग में इन्हे अम्बिका के नाम से जाना जाता था। नवरात्रि में यहाँ विशेष भक्तों की भीड़ देखी जाती है। अगर आपको भी शक्ति पीठो के दर्शन करने में रूचि है तो आप यहाँ चामुंडा देवी के दिव्या दर्शन करने जरूर जाये।
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9.बिरला मंदिर
बिरला मंदिर को मथुरा के सबसे विशाल मंदिर में शामिल किया गया है। वृन्दावन यहाँ से मात्र 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहाँ आपको भगवन श्री कृष्ण, भगवान विष्णु और सीता- राम जी की मूर्ति के दर्शन करने को मिलेंगे। इस मंदिर का निर्मल सेठ जुगल किशोर बिरला द्वारा अपने माता पिता की याद में करवाया गया। मंदिर की दिवाओं पर आपको श्री कृष्ण की अनूठी कलाओ की पेंटिंग देखने को मिलेगी। मंदिर का परिसर भी काफी बड़ा है जहाँ आपको गीता स्तम्ब ( जिसमे गीता के 700 श्लोको का वर्णन है), गीता स्तम्भ, हनुमना मंदिर, हाथी और भी अन्य मंदिर के दर्शन करने को मिलेंगे।
10.पागल बाबा मंदिर
ये मंदिर मथुरा वृन्दावन रोड पर ही स्थित है इसीलिए आप इस मंदिर के भव्य दर्शन कर सकते है। मंदिर के प्रवेश के समय आपको माता सुदेवी कुंड मिलेगा जो की पागल बाबा की पत्नी थी। ये मंदिर बहुत विशाल है जो की नौमंजिला है। यहाँ 10 रूपए की टिकट के साथ इलेक्ट्रॉनिक झांकिया लगी है जो आप देख सकते है। मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शन, अगली मंजिलो पर सीता राम जी, नन्द बाबा और यशोदा मैया का मंदिर, बावन अवतार दर्शन, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, जैसे बहुत से मंदिर के दर्शन आपको करने को मिलेंगे।
11.कंकाली देवी मंदिर
कंकाली माता मंदिर मथुरा के मध्य में स्थापित है। ये मंदिर देखने में आपको बिलकुल साधारण लगेगा। मंदिर में प्रवेश के समय आपको बजरंग बली, शिव परिवार, राधा कृष्ण के दर्शन करने को मिलेंगे। उसके बाद मंदिर में कंकाली देवी के 3 विग्रह दिखाई देंगे। यहाँ बहुत से भक्त आपको दर्शन करते दिखेंगे। इस मंदिर का सम्बन्ध श्री कृष्ण के जन्म से है। कंकाली देवी वही है जिन्हे कंश ने देवकी की आठवीं संतान समझ कर मारने की कोशिश की थी। ये मंदिर एक टीले पर बना है जो की 8000 साल से भी पुराण है। अगर आप भी ऐसे पौराणिक मंदिर के दर्शन करना चाहते है तो यहाँ जरूर जाए।
मथुरा का कण कण हर एक व्यक्ति के रोम रोम बसा है। हमने आपको मथुरा के कुछ प्रसिद्ध विशेष मंदिरो के बारे में जानकरी दे दी है। मथुरा के चारों दिशाओ में कहा जाता है 4 महादेव मंदिर स्थापित है जो की मथुरा के रक्षक है यहाँ तक की जिन्हे मथुरा का कोतवाल भी कहा जाता है। मथुरा की होली तो पुरे विश्वभर में प्रसिद्ध है इसी कारण इस त्यौहार पर अलग अलग जगह से लोग यहाँ होली का त्यौहार मानने आते है। हमारे द्वारा बताई जगह श्री कृष्ण की लीलाओ की साक्षी है आपको भी ऐसी जगह घूमने जरूर जाना चाहिए जहाँ आपको श्री कृष्ण के होने की अनुभूति हो।
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