ओवेरियन कैंसर को हिन्दी में अंडाशय कैंसर (Ovarian Cancer) कहा जाता है। ये कैंसर तब होता है जब अण्डाशय में सेल्स की ज्यादा ग्रोथ हो जाती है। ये सेल्स तेजी से गुणा होने लेगते है और इतने बढ़ जाते है कि शरीर के टिश्यू को भी नष्ट कर देते है।
महिलाओं के प्रजनन तंत्र में दो अण्डाशय होते है, ये दो अण्डाशय गर्भाशय (यूटरस) में दोनों ओर होतो है। ये अण्डाशय एक बादाम के दाने के समान होते है जो कि हर माह एक अण्डा बनाते है और अण्डे के साथ ही साथ ये एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रेरॉन हार्मोन का भी निर्माण करते है।
ओवेरियन कैंसर का पता कैसे लगाए?
ये कैंसर अण्डाशय से शुरू होता है, महिलाओं का प्रजनन तंत्र जहां पर अण्डों का निर्माण होता हैप्राय यह देखा गया है कि इस कैंसर का पता शुरूवाती स्टेज पर नहीं चल पता है जब तक कि ये आखरी स्टेज पर नहीं पहुंच जाता तब ही इसके कुछ लक्षण दिखाई पडतें हैअगर हम आम तौर पर बात करें भी तो इसमें ये निम्न लक्षण दिखाई पडतें है-
1. खाने की आदतों में बदलाव, कम भूख लगना, जल्दी पेट भर जाना।
2. पेट की समस्याएं होना-दस्त लगना या फिर कब्ज हो जाना
3. ज्यादा पेशाब आना, बार-बार पेशाब आना।
4. पेट के आकार में परिवर्तन आना, पेट मोटा हो जाना।
5. मासिक स्त्राव अत्यधिक होना आम दिनों से।
6. पेट में दर्द होना, और भारीपन महसूस होना।
अगर आपको निम्न लिखें लक्षणों में से किसी का भी एहसास है तो डॉक्टर से सम्पर्क अवश्य करें।
किन लोगों में ओवेरियन कैंसर ज्यादा पाया जाता है?
ये देखा गया है कि ये कैंसर ज्यादातर अमेरिकी महिलाओं या फिर कहा जा सकता है कि गोरी महिलाओ में ज्यादा देखा जाता है बजाय काली और ऐशियन महिलाओं के । अमेरिका में ये कैंसर प्राय 78 महिलाओं में से एक महिला में देखा गया है।
ओवेरियन कैंसर के क्या परिणाम होते है
ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) होने का कारण क्या है ये तो आज तक पता नहीं लग पाया है। पर कुछ लोगों में ये कैंसर होने की ज्यादा संभावना रहती है। ये वो कारण है-
1. जब महिला की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो जाती है। तो ये कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
2. अगर परिवार में किसी को पहले कभी में कैंसर रहा हो तो भी इस कैंसर के होने की संभावना रहती है।
3. मोटापा इसका कारण हो सकता है।
4. अगर किसी महिला को यें कैंसर हो जाए तो वह ना हि गर्भवती होती है और ना हि कभी भविष्य में उसके बच्चे हो पाते है।
5. इस बिमारी का दूसरा नाम एण्डोमटरियोसिस है।
6. अगर ये कैंसर हो जाए तो ये उम्र के साथ बढता जाता है।
ओवेयिन कैंसर का पता कैसे लगाए?
सालों साल की कोशिशों के बाद भी इसको पता लगाने के लिए कोई स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं बन पाया जो इसका सही रिर्जल्ट बता पाएयही कारण है कि – इसका शुरूवाती स्टेज पर पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है। अगर इस कैंसर के लक्षण किसी महिला में दिखाई देते है तो सबसे पहले पेल्विक टेस्ट किया जाता है जिससे पता लगाया जा सके कि की कोई असामान्य ग्रोथ तो नही हो रही हैइसके अलावा इसको पता लगाने के निम्न
ओवेरियन कैंसर का ईलाज कैसे किया जाता है?
इस कैंसर के ईलाज में या तो महिला की सर्जरी की जाती है सर्जरी में प्रजनन अंगों को शरीर से हटा दिया जाता है ताकि कैंसर फैले ना
सर्जरी के पहले या बाद में किमोथैरेपी दी जाती है। किमोथैरेपी वो दवाईया होती है जो सेल्स खराब हो गयी है उन्हे इसी के द्वारा हटाया जाता है।
इसके अलावा भी एक दो तरीके और है जिससे इस कैंसर का उपचार किया जाता है।
ओवेरियन कैंसर के बचाव के तरीके?
हालांकि इस कैंसर के बचाव के कोई तरीके नहीं है परन्तु एक ही तरीका है जिससे इसे रोका जा सकता है अगर आपके परिवार में किसी को ये कैंसर पहले हुआ है तो अण्डाशय को पहले ही सर्जरी के द्वारा हटा दिया जाए जिसके पहले ये कैंसर का रूप लें।
अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहें है तो आप हताश ना होए। उन लोगों से सम्पर्क करें जो इस समस्या से गुजर चुके है जिससे आपको इससे उभरने में सहायता मिलेंगी।
कुछ प्र्शन ओवेरियन कैंसर को लेके।
Q.1 क्या होता है अगर ये कैंसर फैल जाए तो?
उतर: अगर ये कैंसर फैल जाता है तो ये पेट से होता हुआ, आंतों, किडनी, लिवर, लिम्फ नोड्स तक भी पहुंच जाता है।
Q.2 ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के कोनसे तरीके है?
उतर: एमआरआई, सीटी स्केन, पीईटी स्केन, और पेल्विक अल्ट्रासाउण्ड के जरिये आप पता लगा सकते है।
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