अभी हाल ही में मनु बहकर ने ब्रोंज जीतकर देश का नाम रोशन किया था और अब 50 मीटर रयफ़ल में स्वपिल ने ब्रोंज जीतकर भारत के खाते में 3 मैडल को जोड़ दिया है। यह तीसरा मैडल भी हमने शूटिंग में ही प्राप्त किये है और तीनो ब्रोंज ही है। पेरिस ओलंपिक्स 2024 पर पूरा भारत नजर रखे हुए है क्युकी पिछली साल इसमें भारत पुरे 07 मैडल जीतकर लाया था और इस बार भारत के खिलाडी सोचकर गए है की 10 से ज्यादा मैडल उनके खाते में आने ही चाहिए।
भारत ने पेरिस ओलंपिक्स में अब तक 3 मैडल जीते और तीनो हमें शूटिंग से ही प्राप्त हुए है जिसमे पहला मैडल मनु भाकर को मिला, दूसरा सरबजीत को और तीसरा मैडल स्वप्निल कुसले को प्राप्त हुआ है।
कौन है स्वप्निल कुसले?
स्वप्निल कुसले महाराष्ट्र के कोलापुर के पास कमलावाड़ी गांव के रहने वाले है और उन्होंने पहली बार ओलंपिक्स में भाग लिया था। उनके सामने खड़े थे ऐसे खिलाडी जिन्होंने विश्व के कई खेलो में भाग लिया था ऐसे में उनपर भारत का नाम रोशन करने का भी दबाव था। स्वप्निल कुसले की कहानी मिलती है महेंद्र सिंह धोनी की कहानी से क्युकी स्वप्निल भी उन्ही की तरह रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम करते थे। स्वप्निल ने 2012 से इंटरनेशनल शूटिंग में खेलना शुरू किया था। स्वप्निल कहते है की वो एम् एस धोनी से काफी ज्यादा प्रेरणा लेते है। शूटिंग में बहुत ज्यादा शांत और धैर्यवान रहना पड़ता है इसीलिए मेँ इसी बात का ध्यान अपने खेल मे रखता हूँ। स्वप्निल को ये सफलता आसानी से नहीं मिली है वो एक किसान परिवार से है जिनका जन्म 06 अगस्त 1995 में हुआ और कड़ी मेहनत और संघर्षो के बाद यहाँ तक पहुंचे है।
स्वप्निल कुसले का करियर
स्वप्निल के पिताजी ने 2009 में स्वप्निल का दाखिला ” महाराष्ट्र क्रीड़ा प्रभोदिनी ” मेँ करा दिया था जहाँ पर कुछ समय तक स्वप्निल ने ट्रेनिंग ली। वहां स्वप्निल की रूचि शूटिंग में जाग्रत हो गयी और उन्होंने 2015 में ” एशियन शूटिंग चैंपियनशिप ” कुवैत में गोल्ड मैडल जीता। उसके बाद स्वप्निल ने तिरुवंदपुरम में हुए ” 61st नेशनल चैंपियनशिप” में भी भाग लिया जिसमे 50 मीटर रायफल में उन्हें गोल्ड हासिल हुआ था। स्वप्निल कायरा में साल 2022 में हुई चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर थे और अब 2024 में स्वप्निल ने पहली बार ओलंपिक्स में भाग लिया और भारत का नाम रोशन कर इतिहास रचा। 51.9 के स्कोर के साथ ब्रोंज मैडल जीतकर सफलता हासिल कर ली।
FAQ’s
Q.1- स्वप्निल कुसले ने कोलापुर से पेरिस तक का सफर कैसे तय किया?
उत्तर– स्वप्निल एक किसान परिवार से है और वो पुणे रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी के साथ अपने शूटिंग के पैशन पर भी लगातार ध्यान दे रहे थे और यह पहली बार था जब उन्होंने ओलंपिक्स में भाग लिया और पहली बार में ही उन्होंने झंडे गाड़ दिए। इससे पहले भी स्वप्निल ने कई बार राष्ट्रिय खेलो में गोल्ड जीता है और यही से 2012 से आज तक उन्हें यहाँ पहुंचने में 10 साल का लम्बा इंतज़ार करना पड़ा।
Q.2- स्वप्निल कुसले कौन है?
उत्तर– स्वप्निल कुसले पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारत को रायफल में ब्रोंज दिलाने वाले पहले भारतीय खिलाडी है। उन्हें बचपन से ही खेल में रूचि थी इसीलिए उनके पिताजी ने उन्हें खेल में आगे भड़ने में पूरा सपोर्ट किया और आज उसी सपोर्ट का नतीजा है की स्वप्निल ने पुरे देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
Q.3- स्वप्निल कुसले का जन्म कब हुआ?
उत्तर– स्वप्निल कुसले का जन्म 06 अगस्त 1995 को महाराष्ट्र के एक छोटे से कमलवाड़ी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था।
Q.4- महेंद्र सिंह सधोनी और स्वप्निल कुसले की कहानी कैसे मिलती है?
उत्तर– महेंद्र सिंह धोनी की तरह ही स्वप्निल भी पुणे रेलवे में टिकट कलेक्टर की ही नौकरी किया करते थे और वो महेंद्र सिंह धोनी से काफी ज्यादा इंस्पायर्ड है क्युकी उनका स्वाभाव भी शांत और धैर्यवान है तो स्वप्निल भी खुदको उनके जैसा रखने की कोशिश करते है क्युकी शूटिंग के खेल में भी शांत रहने की ही जरुरत रहती है।
Hello, I am the owner and the creator of the website. I would love to write and have 5+ years of experience in the content writing field. I started Kahiankahibaate to give information to the audience, so they can get better information. The categories, mentioned in the site, In this we decided to provide information.
Thank You
Muskan Goyal.